Earthquake: भारत के कई हिस्सें में भूकंप के झटके, इतनी थी तीव्रता
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Earthquake: भारत के कई हिस्सें में भूकंप के झटके, इतनी थी तीव्रता

Shubham Pathak • LAST UPDATED : July 22, 2024, 9:02 pm IST
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Earthquake: भारत के कई हिस्सें में भूकंप के झटके, इतनी थी तीव्रता

Earthquake

India News(इंडिया न्यूज),Earthquake: दिल्ली-एनसीआर, यूपी, बिहार, उत्तराखंड और हरियाणा समेत देश के कई हिस्सों में भूकंप के तेज झटकें महसूस किए गए है। जिसकी तिव्रता 6.4 मापी गई है। जानकारी के लिए बता दें कि, एक साथ कई बार भूकंप के झटके से धरती कांप गई। भूकंप के झटके इतने तेज थे कि लोगों में हड़कंप मच गया। अचानक आए इस भूकंप की वजह से लोग अपने घरों से बाहर आ गए। हाईराइज सोसाइटी में भी लोग असेंबली एरिया में इकट्ठा हुए। बता दें कि, भूकंप के झटके करीब 20 सेकेंड तक महसूस किये गये।

जानिए भूकंप आने का कारण

जानकारी के लिए बता दें कि, पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।

तीव्रता का मतलब और केंद्र

अब आपको बतातें है कि, भूकंप का केंद्र और तीव्रता के बारे में। भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।

कैसे मापते है भूकंप

भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से होती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है।

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