Eating These 5 Types Of Saag During Winter : आजकल हर व्यक्ति खुद को फिट और जवां बनाकर रखना चाहता है, इसके लिए हरी पत्तेदार सब्जियां खाना सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होती है। सभी पत्तेदार सब्जियों में पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं लेकिन कई लोग साग खाना बिल्कुल पसंद नहीं करते। खासकर बच्चे साग देखते ही मुंह बनाने लगते हैं। वैसे तो साग हर सीजन में खाना चाहिए, लेकिन इनकी तासीर गर्म होती है, इसलिए सर्दियों में इन्हें खाने से बहुत फायदे मिलते हैं।
ज्यादातर लोग सरसों का साग, मेथी का साग और पालक खाना ही पसंद करते हैंदुरुस्त रखने के लिए अपने खानपान में बदलाव करना बहुत जरूरी है. लेकिन आपको बता दें कि बाजार में और भी कई तरह के साग मिलते हैं, जो सेहत के लिए बहुत अच्छे हैं और लोगों को कई बीमारियों से भी बचाते हैं। आइए आपको बताते हैं ऐसे ही 5 सागों के बारे में और उनसे आपको कैसे फायदा पहुंच सकता है।
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सहजन की फली खाने में बहुत ही स्वादिष्ट लगती है, लेकिन इसके साग के बारे में कम ही लोग जानते हैं। सहजन के पत्ते विटामिन, प्रोटीन और अमीनो एसिड से भरपूर होते हैं। सहजन का साग खाने से गठिया, डायबिटीज, दिल संबंधी बीमारी, सांस संबंधी बीमारी, त्वचा और पाचन की समस्याओं से आसानी से निपटा जा सकता है। इसे अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।
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यह एक गहरे हरे रंग का पत्तेदार साग है, जो त्वचा, हड्डियों और बालों को स्वस्थ रखता है। सर्दियों में इसका सेवन करने से बीमारियां कम होती हैं। डायबिटीज के लोगों को अक्सर पालक खाने की सलाह दी जाती है क्योंकि यह ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखता है। पालक में आयरन, कैल्शियम और मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में होता है।
सर्दियों में ज्यादातर लोग मेथी का साग खाना पसंद करते हैं। कई घरों में तो इसकी सब्जी और पराठे बनाए जाते हैं। इस लो कैलोरी वाले पत्तेदार साग में ट्राइगोनेलिन और डायोसजेनिन जैसे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो कई बीमारियों से छुटकारा दिलाने में मददगार होते हैं।
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सर्दियों में हर भारतीय घर में बथुए के साग की सब्जी, पराठे और रायता बनाया जाता है। आमतौर पर बिहार के लोग इसे बड़े चाव से खाते हैं। बथुआ में पाटेशियम, फॉस्फोरस, जिंक, कैल्शियम और अन्य एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं। यह साग ब्लड प्यूरीफायर का काम करता है। इसमें मौजूद अमीनो एसिड के कारण यह पचने में आसान है।
दक्षिण भारत में कलमी साग काफी मशहूर है। वहां इसे एनी सोप्पू नाम से जाना जाता है। इस साग को खाने से वजन घटाने में मदद मिलती है। यह कम कैलोरी वाला साग विटामिन, एंटीऑक्सीडेंट और मिनरल्स से भरपूर है। इतना ही नहीं आयरन की कमी से होने वाले ऑस्टियोपोरोसिस और एनीमिया को रोकने में भी यह कारगार है।
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