Eye Care Tips : आज के इस आधुनिक जीवन में जहां हम कम्प्यूटर, मोबाइल फोन और बहुत सी चीजों को का उपयोग निरंतर करते हैंं। और जिसका असर हमारी आंखो पर पड़ता है। और आज कल तो छोटे-छोटे बच्चों को चश्में लग जाते हैं। और हमारे जीवन में हर रोज इन उपकरणों का उपयोग करना हमारी आंखे कमजोर कर देता है। हर रोज आफिस में लैपटाप पर 8-8 घटें बिताते हैं। फिर घर आकर बचा हुआ आफिस का काम करते हैं। और बचा हुआ समय मोबाइल फोन या टीवी देखने में निकाल देते हैं।
जिसका हमारी आंखों पर बुरा असर पड़ता है और आंखों की रोशनी कम हो जाती है। तो वहीं फिर आंखों कि रोशनी को सही करने के लिए हम बहुत से उपाए करते हैं व बहुत सी दवाइयों का भी उपयोग करते हैं।
ये कुछ घरेलु या कहें आुयर्वेदिक उपायों से हम अपने आंखों की रोशनी को फिर से तेज कर सकते हैंं। या फिर कहें कि आंखों की रोशनी कम होने से पहले ही उसे कम होने से बचा सकते हैं।
बादाम हमारी सेहत के लिए फायदेमंद है। इसका उपयोग स्मरण शक्ति और आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए भी किया जाता है। डेली 5-7 बादामों को रात में भिगो दें और फिर नाश्ते के साथ इनका सेवन करें। बादाम के सेवन पर कोई सख्त नियम नहीं हैं। बादाम में विटामिन ई होता है, और यह स्वस्थ ऊतकों को बढ़ावा देने के लिए सिद्ध होता है और उम्र से संबंधित समस्याओं जैसे कि दृष्टि की गिरावट पर काम करता है। विटामिन ई मोतियाबिंद के इलाज में भी मदद करता है।
आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए यह सबसे अच्छे आयुर्वेदिक उपचारों में से एक है। यह न केवल दृष्टि में सुधार करता है, बल्कि आपको ग्लूकोमा और धब्बेदार अध: पतन से भी बचाता है। कुछ शोध यह भी बताते हैं कि यह रेटिनोपैथी से पीड़ित लोगों के लिए मददगार साबित हो सकता है। हालांकि, बच्चों और डायबिटीज के मरीजों को इसे बिल्कुल इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
कैलेंडुला फूल आंखों की विभिन्न समस्याओं के लिए एक शक्तिशाली जड़ी बूटी है। पॉट मैरीगोल्ड के रूप में भी जाना जाता है, कैलेंडुला में विरोधी भड़काऊ, एंटीवायरल और जीवाणुरोधी गुण होते हैं। इसका उपयोग नेत्रश्लेष्मलाशोथ, लालिमा, सूजन और सामान्य आंखों में जलन जैसी आंखों की स्थिति के इलाज और सुधार के लिए किया जाता है।
आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए इस जड़ी बूटी का प्रयोग प्राचीन काल से किया जाता रहा है। यहां तक कि, अधिकांश प्रोडक्ट्स या खाद्य पदार्थ जो आपकी आंखों के लिए अच्छे होते हैं, उनमें प्राथमिक घटक के रूप में आईब्राइट होती है। दक्षिण अफ्रीका में हुए एक अध्ययन के अनुसार, आईब्राइट ड्रॉप्स कन्जंगक्टवाइटिस से तेजी से ठीक होने में मदद कर सकता है।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी फिटनेस व्यवस्था या चिकित्सकीय सलाह शुरू करने से पहले कृपया डॉक्टर से सलाह लें।
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