Fennel Health Tips : सौंफ को आमतौर पर खाने के बाद माउथ फ्रेशनर के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। सौंफ के जीवाणुरोधी और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पीड़ादायक मसूड़ों को शांत करने में सहायक होता है। इससे मुंह की बदबू दूर होती है। सौंफ के बीज अपच, सूजन को कम करने और पाचन शक्ति को बढ़ाने में मदद करते हैं। इसके इस्तेमाल से पेट में दर्द और पेट के अंदर सूजन से राहत मिलती है।
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(Fennel Health Tips)
- छोटे बच्चों को अफारा होने पर सौंफ को पानी में उबालकर इस पानी की एक-एक चम्मच बच्चे को थोड़ी देर में दें। लाभ मिलता है।
- बुखार में सौंफ पानी में उबालकर दो-दो चम्मच देते रहने से बुखार का ताप बढ़ता नहीं है।
- संग्रहणी रोग में भोजन के बाद आधी कच्ची और आधी भुनी सौंफ लेने से आराम होता है।
- कब्ज होने तथा खट्टी डकार आने पर सौंफ का चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लें आराम मिलता है।
- नींबू के रस में भीगी हुई सौंफ खाने के बाद लें पेट का भारीपन दूर होता है।
- सौंफ पीसकर उसमें शक्कर मिलाकर रात को दूध के साथ लेने से नेत्र ज्योति में वृद्धि होती है। नियमित सौंफ के सेवन से मुंह में छाले नहीं होते।
- आयुर्वेद के अनुसार सौंफ, बुद्धिवर्द्धक, कफ-नाशक, पाचक, नेत्र-ज्योति बढ़ाने वाली तथा पेट के बहुत से विकारों को दूर करने वाली है।
- भोजन के बाद मिश्री के साथ इसका सेवन करने से पाचन क्षमता में वृद्धि होती है।
- पेट-दर्द होने पर सौंफ और सेंधा नमक के चूर्ण को पीस लें दो चम्मच चूर्ण गर्म पानी से लें।
- धनिया तथा सौंफ समान मात्रा में पीसकर इसमें डेढ़ गुना घी तथा दो गुनी शक्कर मिला लें रोजाना सुबह-शाम दो छोटी चम्मच खांए, खुजली तथा त्वचा संबंधी विकारों से छुटकारा मिलता है।
- अगर बार-बार नाभि की अपने स्थान से हटने की आपको शिकायत है, तो दो चम्मच सौंफ पीसकर गुड़ में मिलाकर सात दिनों तक ठंडे पानी से ले लेने से आपकी यह शिकायत दूर हो जाएगी।
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