इंडिया न्यूज़ (भोपाल, Eat items in newspaper Ban in bhopal): मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में अब अखबारों में खाने का सामान नही परोसा जाएगा। ऐसा करने वालों पर दो लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। भोपाल के डीएम अवनीश लवानिया ने “ईंट राइट चैलेंज” मुहिम की शुरुआत की है, उन्होंने लोगों से “अखबार में खाना बोलिये ना” कैंपेन में सहयोग करने की अपील की.

इस मुहिम की शुरुआत के अवसर पर डीएम अवनीश लवानिया ने कहा की ” इस बार में जागरूकता फैलाने के लिए होटलो और दुकानों में पर्चे वितरित किये जाएंगे। छात्रावासों में एक शिकायत पेटी रखी जाएगी, छात्रों को इसमें प्रतिक्रिया या भोजन संबंधित किसी भी शिकायत करने के लिए जागरूक किया जाएगा। खान-पान में सुधार के लिए भोपाल में कार्यशाला का भी आयोजन किया जाएगा.”

2016 से ही है पाबंदी

साल 2016 में ही खाद्य पदार्थो के पैकिंग में अखबारों के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी गई है। हालांकि नियमों के तहत किसी भी जुर्माने का प्रावधान नही है। लेकिन एडीएम को यह अधिकार है की वह इसके उलंग्गन पर दो लाख तक का जुर्माना लगा सकते है। अखबारों में आमतौर पर समोसा, पोहा, पकौड़ी, जलेबी जैसे सामान छोटे दुकानों पर लोगों को परोसे जाते है.

क्यों लगा प्रतिबन्ध

अखबारों की छपाई में जिस स्याही का इस्तेमाल किया जाता है उसमे लेड नाम का रसायन पाया जाता है। इसके अलावा और भी कई रसायन पाए जाते है। यह रसायन तेल के सम्पर्क में आकर फिर पेट में जाकर काफी नुकसान पहुंचाते है। इससे गंभीर बीमारी भी होती.