इंडिया न्यूज़, दिल्ली : उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत की तबीयत शुक्रवार को देहरादून में प्रदर्शन के दौरान बिगड़ गई। बता दें, प्रदेश की राजधानी में बृहस्पतिवार को हुए बर्बर लाठीचार्ज के खिलाफ बेरोजगार युवा शुक्रवार को प्रदर्शन कर रहे थे। युवाओं के इसी प्रदर्शन में हरीश रावत के साथ अन्य कांग्रेसी नेता युवाओं के समर्थन में पहुंचे थे। इसी दरम्यान पूर्व सीएम की तबीयत अचानक खराब हो गई। पूर्व सीएम अर्द्ध बेहोशी की हालत में नीचे गिर गए। आनन -फानन में पुलिस अधिकारियों ने पूर्व सीएम को अन्य लोगों की मदद से अस्पताल ले जाने की कोशिश करनी चाही। लेकिन हरीश रावत ने उनके साथ जाने से इनकार कर दिया। बताया जा रहा एंबुलेंस में ही डॉक्टरों ने हरीश रावत का उपचार किया।
प्रदेश के बेरोजगार संघ ने किया है राज्य बंद का आह्वान
बता दें, बेरोजगारी के समस्यायों पर देहरादून में युवाओं पर बीते बुधवार रात और फिर बृहस्पतिवार के दिन भी पुलिस ने युवाओं पर बर्बर लाठीचार्ज किया था। पुलिस के लाठीचार्ज में कई युवाओं को गंभीर चोटें आई थी। राज्य की पुलिसिया कारवाई के खिलाफ शुक्रवार को उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने राज्य बंद का आह्वान किया था। पुलिस के अत्याचार पर युवाओं द्वारा राज्य में जगह-जगह धरने भी दिए गए। धरने के दरम्यान युवाओं ने कहा कि पहले सरकार अब तक हुई सभी सरकारी परीक्षाओं की जांच कराए। इसके बाद ही किसी नई भर्ती परीक्षा पर एलान हो। मालूम हो, प्रदर्शन लकर रहे युवाओं ने 12 फरवरी को फिर से आयोजित की जा रही पटवारी परीक्षा को रद्द करने की मांग की है।
सरकार अपना हठ नहीं छोड़ रही : हरीश रावत
बता दें, प्रदर्शन के दौरान यानि तबीयत खराब होने से पहले पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी धरने पर युवाओं के साथ बैठकर सरकार के खिलाफ हल्ला बोला। राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, सरकार का रवैया तानाशाही वाला है। बेरोजगार युवा पेपर लीक की जांच होने तक सारी परीक्षाएं रद्द करने की छोटी सी मांग कर रहे हैं। लेकिन सरकार सत्ता के अहंकार में चूर होकर हठ पर अड़ी हुई है। मालूम हो, प्रदर्शन के दौरान हरीश रावत ने सरकार से गिरफ्तार बेरोजगारों की रिहाई की मांग भी की।