28 होटलों की भेजी गई थी सूची
पिछले साल फरवरी में शुरू हुए रूस-यूक्रेन युद्ध और इससे पहले आए कोविड-19 महामारी का समय देखें ते कई गुना पश्चिमी देशों की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है। जिस कारण पश्चिमी देशों में महंगाई बढ़ गई। पश्चिमी देशों में महंगाई का दौर अब भी जारी है। दिल्ली में होने वाली G-20 शिखर सम्मेलन की मीटिंग में, कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष दिल्ली आ रहे हैं। भारत सरकार की तरफ से दिल्ली व गुरुग्राम के करीब 28 आलीशान होटलों की सूची G-20 सदस्य देशों को सौंपी गई है, ताकी वे अपनी पसंद के होटल में G-20 सम्मेलन के दौरान ठहर सकें।
लेकिन, 5 से 10 गुना महंगे होटलों में कई बड़े बड़े देशों के राष्ट्रध्यक्ष ठहरने से कतराने लगे हैं। G-20 सदस्य देशों में से दो देशों के राष्ट्राध्यक्ष ने तो अपने उच्चायोग या दूतावास में ही ठहरने का फैसला किया है। किसी खास बैठक के लिए जरूर एक होटल बुक करा लिया है। यंहा तक की एक देश के राष्ट्राध्यक्ष ने तो अपने लिए होटल में सामान्य कमरा बुक किया है।
होटलों में नहीं रुकना चाहते कई राष्ट्राध्यक्ष
कुछ देश ऐसे भी है जिन्होंने होटलों में कमरे की बुकिंग काफी ज्यादा बुकिंग की है। इसमें राष्ट्राध्यक्ष के लिए सुइट के साथ अन्य लोगों के लिए कमरा, बिजनेस मीटिंग के लिए बैंकवेट हाल की भी बुकिंग की है। एक पंचतारा होटल में प्रबंधन से जुड़े अधिकारी ने बताया कि कई राष्ट्राध्यक्षों के होटल में नहीं रुकने या सामान्य कमरा बुक कराना यह मामला चौंकाने वाला है, जबकि महंगा होने के बावजूद दिल्ली व गुरुग्राम के होटलों में रुकने की कीमत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ही हैं।
कई देशों को दी गई 30% तक छूट
अधिकारियों के पास होटलों में रुकने का भत्ता कम
कई देशों व संस्थानों के अधिकारियों के सामने अपने लिए होटल में रूकने तक का संकट है। चूंकि उन अधिकारियों का एक दिन का भत्ता कम है जो की होटलों में कमरे लेने के लिए पर्याप्त नहीं है। भारत सरकार की तरफ से इन्हें एनसीआर के छोटे होटलों में भेजा जा रहा है।
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