इस भागदौड़ भरी जिंदगी में इंसान कब बीमार हो जाए कुछ पता नहीं चलता है। कई बार तो लोग ऐसी समस्या से जूझते हैं, जिसके बारे में उन्होंने शायद ही पहले कभी सुना हो। एक ऐसी ही समस्या गर्ड यानी गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज है। यह समस्या किसी को भी हो सकती है। तो ऐसे में आइए जानते हैं गर्ड जीईआरडी का इलाज व बचने के उपाय क्या हैं।
निचले एसोफैगस यानी निचली अन्नप्रणाली में मांसपेशी फाइबर की एक रिंग होती है, जो निगले गए भोजन को वापस ऊपर जाने से रोकती है। इस मांसपेशी फाइबर को लोवर एसोफेजियल स्फिंक्टर कहा जाता है। जब यह मांसपेशी की रिंग ठीक से बंद नहीं होती, तो गर्ड हो सकता है। लेकिन ऐसा क्यों होता है, इसका सही कारण पता नहीं चल पाया है।
गर्ड यानी जीईआरडी के लक्षण कई सारे हैं। ये लक्षण झुकते समय या लेटते समय, खाने के बाद या फिर रात में और भी बदतर हो सकते हैं। छाती में भोजन का अटका हुआ महसूस होना। सीने में जलन। सीने में दर्द होना। खाने के बाद मतली। भोजन का वापस आना यानी उल्टी। खांसी या घरघराहट की समस्या। निगलने में कठिनाई होना। हिचकी आना। आवाज बैठना या फिर आवाज में बदलाव आना। गले में खराश। अस्थमा। क्रोनिक कफ। दांतों की सतह में क्षति होना। लैरींगाइटिस, जलन या संक्रमण से होने वाली सूजन की स्थिति होना।
मेडिकल हिस्ट्री: ज्यादातर मामलों में डॉक्टर सबसे पहले लक्षणों और मेडिकल हिस्ट्री की समीक्षा करके गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (जीईआरडी) का निदान करते हैं। (Gerd (Gastroesophageal Reflux Disease) in hindi)
टेस्ट : जीईआरडी यानी गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज का निदान करने और जटिलताओं के अलावा अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को समझने के लिए निम्नलिखित में से एक या उससे अधिक टेस्ट करवाने की सलाह दी जा सकती है।
जीईआरडी से बचने के उपाय क्या
जीईआरडी से बचने के उपाय के लिए सबसे पहले उन चीजों से बचें, जो सीने में जलन उत्पन्न कर सकती है। इससे जीईआरडी के लक्षण कम हो सकते हैं। मोटापा भी जीईआरडी का कारक है। ऐसे में मोटापे को कम करना आवश्यक है। शरीर के वजन को संतुलित बनाए रखने से भी जीईआरडी को रोकने में मदद मिल सकती है। जीईआरडी से बचने के लिए रात में लेटने या सोने से कम-से-कम 3 घंटे पहले भोजन करें। जीईआरडी से बचाव के लिए आहार पर ध्यान दें जैसे कि खट्टे फलों, तीखा चटपटा व शराब, कैफीन युक्त पदार्थ इत्यादि के सेवन से परहेज करें।
बता दें कि अगर आप जीईआरडी बीमारी से बचना चाहते हैं तो सबसे पहले अपनी जीवनशैली में बदलाव करें। जैसे कि अत्यधिक वजन है तो वजन व मोटापा कम करना। सोते समय सिर को उंचा रखना यानी इसके लिए एक अलग से तकिये का इस्तेमाल। धूम्रपान छोड़ना। खाने की आदतों में बदलाव जैसे कि रात में लेटने या सोने से 3 घंटे पहले भोजन करना। आहार में पोषण से भरपूर हरी सब्जियां, नॉन सिट्रिक फल आदि को शामिल करना। (Gerd (Gastroesophageal Reflux Disease) in hindi)
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