इंडिया न्यूज़(दिल्ली):भारत सरकार ने कहा की पूरे देश में यूनिफार्म सिविल कोड लागू करने का कोई इरादा नहीं है, सरकार ने लोकसभा में दिए अपने एक जवाब में यह कहा,केरल से कांग्रेस सांसद अदूर प्रकाश और बिहार के सारण से बीजेपी सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल के सवाल का जवाब देते हुए कानून मंत्री किरण रिजूजू ने कहा की,विधायकी हस्तक्षेप धार्मिक और लिंग आधरित समानता सुनिश्चित करता है.
संविदान के अनुच्छेद 44 भारतीय राज्य को यह निर्देशित करता है की भारत की सीमा में सभी नागरिको के लिए यूनिफार्म सिविल कोड लाने का प्रयास करे,व्यक्तिगत कानून जैसे कि निर्वासन और उत्तराधिकार,संयुक्त परिवार और विभाजन,विवाह और तलाक यह सब संविधान के 17 वी अनुसूजी के तहत समवर्ती सूची के लिस्ट तीसरी के पांचवी एंट्री का मुद्दा है,राज्य सरकारे भी इसको लेकर कानून बना सकती है.
21वे भारतीय विधि आयोग ने यूनिफार्म सिविल कोड के अलग अलग पहुलओं को लेकर विचार किया है और इसको लेकर एक दस्तावेज़ “रिफार्म ऑफ़ फॅमिली लॉ” नाम से परामर्श और चर्चा के लिए अपनी वेबसाइट पर प्रकशित किया है.
कानून मंत्री ने कहा की यूनिफार्म सिविल कोड को लेकर कई सारी रिट याचिकाएँ सुप्रीम कोर्ट केआगे विचारधीन है,जब तक यह मामले कोर्ट के पास विचाराधीन है,तब तक यूनिफार्म सिविल कोड पूरे देश में लागू करने का कोई इरादा नहीं है.
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