India News (इंडिया न्यूज), GST Council Meeting: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में दिल्ली में 9 सितंबर (सोमवार) को जीएसटी काउंसिल की एक बैठक हुई। इस बैठक में डेबिट और क्रेडिट कार्ड से होने वाले ट्रांजेक्शन को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अब 2000 रुपये से कम के क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड से होने वाले ट्रांजेक्शन पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। पेमेंट गेटवे को इसमें कोई छूट नहीं मिलेगी। इस फैसले के बाद ट्रांजेक्शन के मर्चेंट फीस पर 18 फीसदी जीएसटी लगेगा। जीएसटी फिटमेंट कमेटी की राय है कि पेमेंट एग्रीगेटर से होने वाली इस आय पर 18 फीसदी जीएसटी लगाया जाना चाहिए। कमेटी का मानना है कि इस तरह के जीएसटी से ग्राहकों पर असर पड़ने की संभावना नहीं है।
किससे वसूला जाएगा जीएसटी?
दरअसल यह जीएसटी पेमेंट एग्रीगेटर से वसूला जाएगा। पेमेंट एग्रीगेटर एक थर्ड पार्टी प्लेटफॉर्म है। जोकि मर्चेंट को पेमेंट अमाउंट स्वीकार करने में मदद करता है। पेमेंट एग्रीगेटर के उदाहरण रेजरपे, पेटीएम और गूगलपे हैं। पेमेंट एग्रीगेटर अपनी सर्विस देने के लिए मर्चेंट से कुछ पैसे लेते हैं। यह हर ट्रांजेक्शन का 0.5-2 फीसदी होता है। हालांकि ज्यादातर एग्रीगेटर्स इसे 1% पर ही रखते हैं। सरकार जो सर्विस टैक्स लगाती है, वह इसी 0.5-2% राशि पर है। इसलिए इसका सीधा असर आम लोगों पर नहीं पड़ेगा। लेकिन इससे छोटे दुकानदारों को परेशानी जरूर होगी। परेशानी होगी।
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दिल्ली में आज हुई बैठक
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आज जीएसटी काउंसिल की बैठक हुई। इस बैठक में बीमा पॉलिसियों पर जीएसटी दरों पर फोकस रहा और ग्राहकों के हित में कई अहम फैसले लिए गए हैं। आज की बैठक में डेबिट और क्रेडिट कार्ड से होने वाले भुगतान को लेकर बहुत ही बड़ा निर्णय लिया गया है। सूत्रों के मुताबिक अब 2000 रुपये से कम के क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड से होने वाले भुगतान पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। मतलब ये हैं कि अब आप क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड से ऑनलाइन खरीदारी करने, फॉर्म के लिए फीस जमा करने और अन्य सभी तरह के भुगतान के लिए 18 प्रतिशत जीएसटी अदा करना होगा। हालांकि ये आम उपभोक्ताओं से नहीं वसूला जाएगा, बल्कि पेमेंट एग्रीगेटर से वसूला जाएगा। मतलब कि आप जिस प्लेटफॉर्म से ट्रांजेक्शन करेंगे उसे से जीएसटी भरना पड़ेगा।