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Hepatitis Jaundice Treatment : हेपेटाइटिस पीलिया का इलाज

नेचुरोपैथ कौशल

Hepatitis Jaundice Treatment

हैपेटाईटिस वास्तव में लीवर की संक्रमण से पैदा हुई खराबी है जिसे हम पीलिया के नाम से जानते हैं।
अलग-अलग प्रकार के वायरस या रोगाणुओं से पैदा पीलिया को आधुनिक चिकित्सकों ने पहचान करके अलग-अलग नाम देने का काम किया है, पर विश्वास रखें की इलाज किसी भी प्रकार के पीलिया या हैपेटाईटिस का उनके (एलोपैथी) के लिये सम्भव नहीं।
भारतीय पारम्पारिक चिकित्सा में इसके अनेक सरल पर पक्के इलाज हैं।
(Hepatitis Jaundice Treatment)

हैपेटाइटिस-ए, बी, सी, आदि जो भी हो वे सब निश्चित रूप से ठीक हो सकते हैं

  • गुम्मा नामक (द्रोण पुष्पी) पौधे को पहचानते हों तो उसका एक चम्मच चूर्ण मिट्टी के बर्तन में 100 मि.ली. पानी डालकर भिगो दें। प्रात: मसल व छानकर रोगी को पिलाएं तथा प्रात: भिगोकर रात को पिला दें। 5-7 दिन में रोगी ठीक हो जाएगा।
  • थोड़ा शहद और चने के दाने जितना कपूर मिलाकर देने से प्रभाव अधिक होगा। चूने का पानी 2-2 चम्मच दिन में 3 बार रोगी को पिलाएं यही पानी 10-15 दिन तक देते रहें। अन्य दवाओं के साथ भी इस प्रयोग को कर सकते हैं।
  • पीली हरड़ का चूर्ण एक चम्मच तथा शहद या पुराना गुड़ (केमिकल मुक्त) दिन में 2-3 बार दें।
    असाध्य पीलिया पर भी काम करेगा।
  • 6 मास में एक बार 7 दिन तक इसका प्रयोग करते रहें, उल्टा-सीधा न खाएं (चाय, कॉफी, जंक फूड) तो अम्ल पित्ता (हाईपर ऐसिडिटी, खट्टा पानी आना, बदहजमी) पूरी तरह सदा के लिए ठीक हो जाएगी।
  • श्योनाक (टाटबडंगा, अरलू, तलवार फली की छाल) 150-200 ग्राम चूर्ण, 200-250 मि.ली. पानी में मिट्टी के पात्र में भिगोकर रोज प्रात: दोपहर, सांय 3 बार में पिला दें।
  • रोज नया चूर्ण भिगोएं।
  • थोड़ा मीठा (खाण्ड मिश्री) मिलाकर देना अधिक लाभदायक होगा।
  • 2 काले चने के बराबर) शुध्द कपूर पानी से निगलकर 30 मिनट बाद श्योनाक का पानी छानकर पीने से 1 या अधिक से अधिक 3 या 4 दिन में असाध्य पीलिया या ‘हैपेटाईटिस-बी’ तक ठीक हो जाता है।

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  • यही नहीं मूली के रस में भी इतनी ताकत होती है कि यह खून और लीवर से अत्यधिक बिलिरूबीन को निकाल सके।
    पीलिया या हेपेटाइटिस में रोगी को दिन में 2 से 3 गिलास मूली का रस जरुर पीना चाहिये।
    या फिर इसके पत्ते पीसकर उनका रस निकालकर व छानकर पीएं।
  • टमाटर का रस पीलिया में बेहद लाभदायक होता है। इसके रस में थोड़ा नमक और काली मिर्च मिलाकर पीयें।
  • नीम में कई प्रकार के वायरल विरोधी घटक पाए जाते हैं, इसकी पत्तियों के साथ में शहद मिलाकर सुबह सुबह पियें।

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India News Editor

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