इंडिया न्यूज, बेंगलुरु।
Hijab Controversy in Karnataka High Court : हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान कर्नाटक हाईकोर्ट ने मीडिया से जिम्मेदार बनने की अपील की है। हाईकोर्ट ने मीडिया से अपील की कि आप अधिक जिम्मेदार बनें। वहीं, याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत ने कर्नाटक हाईकोर्ट के समक्ष हिजाब पर प्रतिबंध लगाने के सरकारी आदेश प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि यह सरकारी आदेश अनुच्छेद 25 के तहत है और यह कानूनी रूप से टिकाऊ नहीं है।
सुनवाई में चीफ जस्टिस रितुराज अवस्थी, जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित और जस्टिस जेएम खाजी की 3 जजों की बेंच ने अधिवक्ता कामत से पूछा कि क्या कुरान में जो बातें कही गई हैं। वह आवश्यक धार्मिक प्रथा है? वरिष्ठ अधिवक्ता कामत ने जवाब दिया कि मैं ऐसा नहीं है। कर्नाटक हाईकोर्ट ने फैसला आने तक शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब, भगवा गमछा या धार्मिक पहचान वाले किसी भी पोशाक के पहनने पर रोक लगा दी है।
इस बीच आज से कर्नाटक में 10वीं तक के स्कूल खुल रहे हैं।Hijab Controversy in Karnataka High Court राज्य में हिजाब विवाद को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने सतर्कता बरतते हुए स्कूलों के आसपास धारा 144 लागू कर दी है। मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई ने चेतावनी दी है कि उपद्रव फैलाने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा।
तीन जजों की पीठ ने की मामले की सुनवाई Hijab Controversy in Karnataka High Court
गुरुवार को न्यायालय में तीन जजों की पीठ ने मामले में सुनवाई की थी। बुधवार को मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी ने सुनवाई के लिए तीन जजों की एक पीठ का गठन किया था, जिसमें वो खुद भी शामिल हैं। उनके साथ न्यायमूर्ति कृष्णा एस दीक्षित और न्यायमूर्ति जे एम खाजी ने मुद्दे से जुड़ी विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई की थी।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने सरकार के फैसले के खिलाफ कई दलीले दीं थी।आपको बता दें कि, उडुपी जिले में शैक्षणिक संस्थानों के 200 मीटर के दायरे में धारा 144 लगा दी गई है, जो 19 फरवरी तक जारी रहेगी।
Hijab Controversy in Karnataka High Court
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