इंडिया न्यूज :
How To Open Body Veins : शरीर के किसी हिस्से पर अधिक दबाव बनने के कारण उस हिस्से की नस दब जाती है। दरअसल जब हमारे शरीर के किसी अंग की नस दब जाती है तो किसी भी व्यक्ति के लिए चलना-फिरना, उठना बैठना तक मुश्किल हो जाता है। आलम ये है कि कई व्यक्ति तो इतने परेशान हो जाते हैं कि उन्हें बिस्तर पर लेटने की नौबत आ जाती है।
इसमें मुख्यत: प्रभावित हिस्से में गठिया होना, खराब मुद्रा में बैठना, खड़े होना या चलना, खेल के दौरान चोट लगना और मोटापा शामिल है। दबी हुई नसें आमतौर पर क्षतिग्रस्त तंत्रिका के कारण होती हैं और इसके लक्षणों में दर्द, सुन्नता और कमजोरी शामिल है। आयुर्वेद में ऐसे कई उपाय हैं, जो दबी हुई नस को खोलने का काम करते हैं।
नींद एक तंत्रिका के आराम के लिए आवश्यक है। नींद के दौरान शरीर खुद की मरम्मत करता है। इसलिए अधिक समय सोने से लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है। कई मामलों में अतिरिक्त नींद लेने से दबी हुई नस की तंत्रिका अपने आप ठीक हो सकती है।
आफिस में काम करने वालों को यह समस्या ज्यादा होती है। ऐसे में एगोर्नोमिक माउस और कीबोर्ड का उपयोग करने से हाथों और कलाई में दबाव को कम करने में मदद मिलती है। कंप्यूटर मॉनिटर को आंख के स्तर तक उठाने से गर्दन के दर्द और पाठ गर्दन के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है।
कई बार खराब पोश्चर के कारण भी नस दब सकती है। इसमें लंबे समय तक गलत मुद्रा में बैठना या खड़े रहना शामिल है। इससे रीढ़ और मांसपेशियों को नुकसान पहुंचा सकता है। इस स्थिति में बैठने के दौरान कुशन, एडजस्टेबल चेयर और नेक रेस्ट का उपयोग करने से आराम मिलता है और दबाव को कम करने में मदद मिलती है।
दबी हुई नस को खोलने के लिए पान वाला चूना लें। लेकिन चूना सेंट वाला न हों। इस चूने को पानी, दही, लस्सी या जूस में से किसी के साथ भी ले सकते हैं।
आपको एक दिन में एक गेहूं के दाने के बराबर चूना लेना है। इस बात का ध्यान रखें कि सुबह- सुबह खाली पेट इस नुस्खे को आजमाएं, जो आपकी दबी हुई नस को खोलने का काम करेगा।
हार सिंगार का पौधा जिसके पत्ते को पारिजात भी कहा जाता है। इन पत्तों को पानी में उबाल कर कुछ दिनों तक सेवन करने से दबी हुई नस को खोलने में मदद मिलती है। आप दिन में चार या पांच पत्ते ही पानी में उबालकर लें और हां,
इन पत्तों को अच्छी तरह से पानी में उबालना है। सुबह के वक्त ये नुस्खा आजमाना है और जितना पानी आप रखें उसके उबालने के बाद जब पानी आधा रह जाए तब खाली पेट इसे चाय की तरह पी लें।
हल्की स्ट्रेचिंग और योग से प्रभावित हिस्से में तनाव और दबाव को दूर करने में मदद मिल सकती है। यह जरूरी है कि बहुत ताकत लगाकर न खींचे, क्योंकि इससे लक्षण और भी बदतर हो सकते हैं।
मालिश करने से शारीरिक दर्द और तनाव को कम करने में मदद मिलती है। प्रभावित क्षेत्र के चारों ओर हल्के दबाव से मालिश करने से तनाव को दूर करने में मदद मिलती है और शरीर की पूरी मालिश मांसपेशियों को आराम देने में मदद कर सकती है।
डीप टिश्यू मसाज एक अच्छा आइडिया नहीं हो सकता है क्योंकि अतिरिक्त दबाव के कारण लक्षण और खराब हो सकते हैं।
(How To Open Body Veins)
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