हितेश चतुर्वेदी
सिरसा (In Chautala Village Of Sirsa)। प्रदेश को पांच विधायक देने वाले गांव चौटाला के राजकीय माध्यमिक वरिष्ठ कन्या विद्यालय में एक बड़ा सनसनीखेज मामला सामने आया है। एक ओर प्रदेश की लड़कियां कॉमनवेल्थ गेम्स में मेडल जीत कर देश का नाम रोशन कर रही हैं, वहीं इस गांव के विद्यालय में शारीरिक शिक्षा शिक्षक द्वारा छात्राओं के साथ अश्लील हरकतें व दुष्कर्म करने का मामला सामने आया है।
स्टेट कमीशन फॉर चाइल्ड राइट्स की चेयरपर्सन ने विद्यालय की छात्रों के आरोप के आधार पर जांच कमेटी का गठन किया था। इसके बाद गत दिनों जिला बाल संरक्षण, बाल कल्याण शाखा और सेक्सुअल हरासमेंट कमेटी ने विद्यालय में जाकर छात्राओं से बातचीत की तो बड़े खुलासे हुए। विद्यालय के डीपीई टीचर के हाथों यौन शोषण की शिकार छात्राओं की आपबीती सुनकर जांच कमेटी भी हैरान रह गई।
मंगलवार को आरोपी डीपीई टीचर के खिलाफ पीड़ित छात्राओं के बयान पर महिला थाना पुलिस ने पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया और बुधवार को जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर पीड़ित छात्राओं और उनके अभिभावकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा बाल हित में सख्त सख्त कानूनी कार्यवाही करने का निर्देश पारित करने की अनुशंसा की है। बता दें कि जुलाई माह में जब यह मामला सामने आया तो आरोपी डीपीई टीचर के खिलाफ महिला थाने में अश्लील हरकत करने का केस दर्ज किया गया था, जिससे आरोपी को कोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई थी।
आरोपी टीचर के खिलाफ शुरू में एक छात्रा के बयान पर ही एफआईआर दर्ज की गई थी। एक छात्रा ने तो दुष्कर्म करने की शिकायत की थी, इसके बाद पीड़ित छात्राओं के अभिभावकों ने स्टेट कमीशन फॉर चाइल्ड राइट्स की चेयरपर्सन से इसकी शिकायत की। इसके बाद जांच कमेटी का गठन किया गया।
गत दिवस जांच कमेटी ने विद्यालय की छात्राओं के साथ बातचीत की तो कई छात्राओं ने अपने साथ आरोपी डीपीई टीचर द्वारा यौन शोषण किए जाने की बात कही। सूत्रों के मुताबिक छात्राओं ने बताया कि आरोपी टीचर उन्हें खिलाने के लिए बाहर ले जाता था तो वहां भी वह उनका शोषण करता था। जांच कमेटी ने करीब 13-14 छात्राओं के बयान दर्ज किए।
पुलिस अधीक्षक अर्पित जैन को लिखे पत्र में जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने लिखा है कि जैसा कि विदित है कि राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक कन्या विद्यालय में कार्यरत डीपीई टीचर द्वारा बच्चों के साथ अश्लील हरकतें व बलात्कार करने की शिकायत पर दर्ज एफआईआर में आरोपी को न्यायालय द्वारा अग्रिम जमानत दे दी गई है। बच्चों से बातचीत के द्वारा पता चला कि बच्चे बहुत ही डरे और सहमे हुए हैं। जिस पर उनको सबसे ज्यादा डर यह है कि यदि अध्यापक स्कूल में पुन: हाजिर होता है या बच्चों का उससे गांव में सामना होता है तो बच्चे दहशत की स्थिति में किसी मानसिक सदमे में जा सकते हैं। अथवा अध्यापक द्वारा बच्चों को शोषित किया जा सकता है। परिवार व बच्चों पर मामले को दबाने का दबाव भी बनाया जा सकता है। इसलिए बाल हित में सख्त से सख्त कार्रवाई करने का आग्रह किया गया है।
वहीं, बाल संरक्षण अधिकारी ने जिला शिक्षा अधिकारी को भी पत्र लिखा है कि आरोपी अध्यापक का इस विद्यालय से कहीं दूसरी जगह तबादला करके यहां पर नया डीपीई टीचर नियुक्त किया जाए।
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