इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
India News Manch Asaduddin Owaisi : लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल की ओर से घटना को सोची-समझी साजिश करार दिए जाने के बाद इस मामले में एआईएमआईएम (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की प्रतिक्रिया सामने आई है।
इंडिया न्यूज के मंच से ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नैतिकता के आधार पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी को हटा देना चाहिए।
एआईएमआईएम (AIMIM) चीफ ने कहा कि अब जब पता चल गया है कि लखीमपुर की घटना सुनियोजित हत्या की थी तो प्रधानमंत्री को नैतिकता के आधार पर मंत्री (अजय मिश्रा टेनी) को उनके पद से हटा देना चाहिए लेकिन वह (पीएम) ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि मंत्री (टेनी) अपर कास्ट से आते हैं और पीएम यूपी चुनाव में उनके वोट चाहते हैं।
बता दें कि लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच कर रही एसआईटी ने अदालत से कहा कि 4 किसानों और 1 पत्रकार की हत्या की घटना सोची-समझी साजिश थी।
एसआईटी ने मामले में अधिक गंभीर आरोपों को शामिल किए जाने का भी अनुरोध किया। केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा इस मामले के 13 आरोपियों में शामिल हैं।
एसआईटी के आवेदन पर दलीलें सुनने के बाद लखीमपुर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) चिंता राम ने 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में तिकुनिया क्षेत्र में हुई हिंसा के मामले की पड़ताल कर रही एसआईटी को मुकदमे में हत्या के प्रयास की धारा जोड़ने की गत मंगलवार को इजाजत दे दी।
मामले में एसआईटी ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत से तिकुनिया मामले में धारा 279 (लापरवाही से गाड़ी चलाना), 338 (लापरवाही के कारण गंभीर चोट पहुंचाना) और 304-अ (लापरवाही के कारण मौत) जैसे कम गंभीर आरोपों को धारा 307 (हत्या के प्रयास) से बदलने का आग्रह किया था।
एसआईटी ने मामले के 13 आरोपियों के वारंट में धारा 326 (खतरनाक हथियारों से जान-बूझकर चोट पहुंचाना), 34 (साझा मंशा से अनेक लोगों की ओर से कृत्य करना) और शस्त्र अधिनियम की धारा 3/25/30 को भी जोड़ने की सिफारिश की थी।
वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी (एसपीओ) एसपी यादव के अनुसार मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट चिंता राम ने विशेष जांचकर्ताओं को मुकदमा संख्या 219 में 13 आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 307, 326 और शस्त्र अधिनियम की धारा 3/25/25 को जोड़ने की अनुमति दे दी। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा का बेटा आशीष इस मामले में मुख्य अभियुक्त है।
उन्होंने कहा कि अभियोजन और बचाव पक्ष के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने गत मंगलवार को मुकदमे से धारा 279, 338 और 304-अ हटाने की भी अनुमति दे दी।
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मुकदमा संख्या 219 के सभी 13 आरोपियों को गत मंगलवार को अदालत में पेश किया गया। वे सभी तिकुनिया में 3 अक्टूबर को हुई हिंसा में 4 किसानों और 1 स्थानीय पत्रकार की मौत से संबंधित मुकदमे में आरोपी हैं।
बचाव पक्ष के वकीलों ने अदालत में जिरह के दौरान आईपीसी की धारा 34 और शस्त्र अधिनियम की धाराओं पर आपत्ति दर्ज कराई। एसपीओ ने बताया कि इस पर अदालत ने धारा 34 को असंगत माना क्योंकि अभियुक्तों को धारा 149 के तहत पहले ही हिरासत में लिया जा चुका है।
लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच कर रही एसआईटी ने अब तक की विवेचना और संकलित साक्ष्यों के आधार पर दावा किया है कि जिस हिंसा के कारण 4 किसानों और 1 पत्रकार की मौत हुई और कई अन्य लोग घायल हुए, वह लापरवाही का मामला नहीं था। India News Manch Asaduddin Owaisi
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