इंडिया न्यूज, लखनऊ:
India News Manch Nitin Gadkari Different From Other Leaders: दिल्ली के इम्पीरियल होटल में इंडिया न्यूज मंच पर आज देश के सभी मुद्दों को उठाया जा रहा है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी अपने विचार रखे और अपने पुराने राज बताए। विकास के लिए उन्होंने अपने ससुर के घर पर भी बुलडोजर चलवा दिया। सरकार की योजनाओं के बारे में बताया।
केंद्र की मोदी सरकार की विपक्ष कभी भी आलोचना करने का मौका नहीं झोड़ता है, लेकिन भाजपा में कुछ नेता ऐसे भी हैं जिनके लिए उनके दिल में तल्खी कम ही होती है। जिनमें एक बड़ा नाम केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का है। गडकरी भाजपा सरकार के सबसे अच्छे काम करने वाले मंत्रियों में शुमार हैं। आखिर किस वजह से गडकरी विरोधियों में भी लोकप्रिय हैं?
दिल्ली-मेरठ हाइवे हो या दूसरी किसी चमचमाती सड़क पर अगर आप ड्राइव कर रहे हैं तो बिना झटके लगे स्पीड में भागती गाड़ी आपके दिमाग में गडकरी का नाम आ ही जाता है। अपने काम को किसी मिशन की तरह करने वाले गडकरी अपने ससुर के घर पर बुल्डोजर चलवाने का किस्सा सुनाकर एक बार फिर से सुर्खियों में हैं।
सड़क निर्माण में किसानों से जमीन लेनी होती है। गडकरी ने किसानों को खुद सलाह दे डाली कि वे अपनी जमीनें न बेचें। इसकी बजाय उन्होंने ज्यादा लाभ लेने का तरीका सुझाया। एक कार्यक्रम में गडकार ने कहा था कि मैं चाहता हूं कि किसान धनवान बनें। पर जब हम रोड बनाते हैं तो बिल्डर और डिवेलपर जमीन खरीद लेते हैं और फिर रेट बढ़ते हैं जिसका फायदा उनको ही होता है।
मैंने अपने ऑफिस में लिखकर रखा है कि अमेरिका की सड़कें अच्छी नहीं हैं क्योंकि अमेरिका अमीर है। लेकिन अमेरिका धनी है क्योंकि रोड अच्छी हैं। ये कैनेडी ने कहा था कि रोड से खुशहाली आती है, विकास होता है। रोड बनाने के बाद जमीन की कीमतें बढ़ जाती है। मैंने किसानों को बाजार भाव से डेढ़ गुना दाम दिए हैं।
गडकरी के बेबाक अंदाज से महाराष्ट्र ही नहीं, देशभर के लोग भली भाति परिचित हैं। गडकरी के संबोधन लिखे हुए नहीं बल्कि दिल से सीधे निकले शब्द होते हैं, शायद इसीलिए वह महफिल में आखिरी छोर पर बैठे शख्स को भी अपना मुरीद बना लेते हैं। राजस्थान विधानसभा के एक कार्यक्रम में उन्होंने सियासी पार्टियों के सामने मौजूद समस्या की ओर इशारा किया। ऐसे समय में जब गुजरात में अचानक मुख्यमंत्री बदले बीजेपी को एक हफ्ता भी नहीं बीता थे, वह गडकरी ही थे जो यह कह गए कि आज के समय में तो मुख्यमंत्री अपनी कुर्सी को लेकर टेंशन में हैं कि वह कब तक रहेगी।
इस बयान को सीधे तौर पर बीजेपी से जोड़ा जाएगा, शायद यह सोचकर गडकरी ने नहीं बोला था। वह तो उनका अंदाज-ए-बयां है कि वह बड़ी साफगोई से अपनी बात कह जाते हैं। बीजेपी अध्यक्ष के तौर पर अपने कार्यकाल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जब वह पार्टी प्रेसीडेंट थे, तो कोई ऐसा नहीं मिला जो दुखी न हो। यह तो एक बानगी है। गडकरी की बेबाक टिप्पणियां उन्हें दूसरे सियासतदानों से अलग कतार में खड़ा करती हैं।
जब बीजेपी के नेता और मंत्री पेट्रोल और डीजल की बढ़ रही कीमतों पर बोलने से कन्नी काटते हैं। लेकिन इसी साल जुलाई में गडकरी ने कहा था कि पेट्रोल की बढ़ती कीमतों से लोग काफी गुस्सा हैं। एलएनजी, सीएनजी या एथेनॉल जैसे वैकल्पिक ईंधन के ज्यादा इस्तेमाल से पेट्रोल की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगेगी। इससे लोगों का गुस्सा शांत होगा।
किसी भी पार्टी में हाईकमान पर सवाल उठाने का साहस नेताओं में नहीं होता, लेकिन गडकरी वह शख्स हैं, जिन्होंने पार्टी नेतृत्व से मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में 2018 के विधानसभा चुनाव की हार के बाद विफलताओं को स्वीकार करने के लिए कहा था कि जब जीत का सेहरा उनके सिर सजता है तो हार की जिम्मेदारी भी उन्हें ही लेनी होगी।
गडकरी सिर्फ अच्छा बोलते ही नहीं हैं, वास्तव में उनका काम बोलता है। वह जब भी अपने काम को लेकर किसी मंच पर बोलते हैं तो काम की सफलता का आत्मविश्वास उनके चेहरे पर साफ झलकता है। उनके मंत्रालय ने समय से पहले टारगेट को पूरा किया है। यह उनका कौशल ही हैं कि कोरोना वायरस से जब हालात बिगड़ने लगे तो बीजेपी के दिग्गज नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने गडकरी पर भरोसा जताते हुए उन्हें कोविड मैनेजमेंट की जिम्मेदारी देने की मांग कर डाली। यही नहीं उन्हें पीएम या उपप्रधानमंत्री बनाने की भी मांग होती रहती है।
गडकरी के पास इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट का काफी अनुभव है। गडकरी को सड़क परिवहन मंत्रालय की जिम्मेदारी यूं ही नहीं दी गई है। सड़क निर्माण के इतने काम किए हैं कि उन्हें ‘रोड बिल्डर’ के नाम से भी कहा जाने लगा। महाराष्ट्र के PWD मिनिस्टर के तौर पर गडकरी ने 1995 से 99 के बीच राज्य में इतनी सड़कें बनाईं कि विपक्षी भी उनके कायल हो गए।
गडकरी ने सालों बाद एक बड़ा राज बताते हुए कहा कि ‘मेरी नई-नई शादी हुई थी तो रामटेक में मेरे ससुर का घर सड़क के बीचोंबीच आ रहा था। यह समस्या बड़ी थी। लोगों के आवागमन में मुश्किल आ रही थी।’ इस धर्म संकट में गडकरी ने अपना फर्ज निभाते हुए पत्नी को बिना बताए ससुर के घर पर बुलडोजर चलवा दिया था। यह गडकरी के काम करने की शैली है, वे हर मुश्किल को चुनौती की तरह लेते हैं और फिर जनहित को प्राथमिकता में रखते हुए फैसला लेते हैं।
Read More : India News Manch Omicron Dose बूस्टर डोज पर निर्णय जल्द : राजीव चंद्रशेखर
Also Read : India News Manch Vijay Diwas Ranbankure 50 साल पहले बांग्लादेश में भारतीय जवानों ने पाकिस्तान को धूल चटाई
India News (इंडिया न्यूज)Mahakumbh 2025: महाकुंभ के आयोजन को लेकर प्रयागराज में तैयारियां अपने अंतिम…
India News (इंडिया न्यूज),Delhi News: दिल्ली में क्रिसमस के जश्न के मौके पर रोड पर…
India News (इंडिया न्यूज)Bihar New Governor: आरिफ मोहम्मद खान (Arif Mohammed Khan) को बिहार का…
Saudi Arabia Taliban Political Relations: सऊदी सरकार ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में अपना दूतावास फिर…
India News (इंडिया न्यूज),Delhi Fraud: दिल्ली पुलिस ने फेक वीजा बनाने वाले सिंडिकेट का खुलासा…
Aamir Khan: आमिर खान ने बताया कि उन्होंने शराब पीना छोड़ दिया है, हालांकि वह…