India News (इंडिया न्यूज), (रविंद्र कुमार), Indian Economic: चंदन कर्महे भारत के उन चुनिंदा चार्टेड अकाउंटेंट्स में से एक हैं जिनकी पैनी नजर भारत की अर्थव्यवस्था के साथ-साथ राजनीतिक गलियारों पर भी रहती है। इंडिया न्यूज पर दिए गए एक खास साक्षात्कार में चंदन कर्महे ने भारत की अर्थव्यवस्था और राजनीतिक समीकरणों को बेहद सलीके से समझाया। पढ़िये
भारत एक महान देश है, जहां हर कदम पर अतुल्यता का अनुभव होता है। हमारे पास विशाल हिमालय, पवित्र गंगा, अनुकरणीय शास्त्र, और समृद्ध इतिहास है। इसके साथ ही, भारत का लोकतंत्र भी अद्वितीय है, जिसमें लोगों का बड़ा योगदान है। भारतीय नागरिकों की एक विशेषता है कि उन्हें पूर्वानुमानों में बांधकर नहीं रखा जा सकता। जब यह माना गया कि पूर्ण बहुमत ही भारतीय सरकार का स्वभाव है, तब लोगों ने एक मिलीजुली सरकार दे दी। और जब माना गया कि मिली-जुली सरकार भारत का स्वभाव है, तब पूर्ण बहुमत की सरकार दे दी गई। यह इस बात को दर्शाता है कि भारतीय नागरिकों में अपने नेताओं को चुनने का विवेक और समझदारी है।
दरिंदों ने 100 साल की महिला को भी नहीं छोड़ा, केस पर हाईकोर्ट का फैसला चौंका देगा
एंजल निवेश एक अनूठा शब्द है, जिसकी शुरुआत न्यूयॉर्क के ब्रॉडवे थियेटर से हुई थी। स्टार्टअप्स की दुनिया में, शुरुआती फंडिंग देने वाले निवेशकों को एंजल इन्वेस्टर कहा गया। 2012 में, इनकम टैक्स में 56(2)(viib) आया, जिसमें “Fair Market Value” के मूल्य के ऊपर एंजल टैक्स लगाया जाता था। यह आयकर विभाग को डिस्क्रिशन देता था, जिससे अव्यूज ऑफ पावर की संभावना बढ़ जाती थी।
बजट में कैपिटल गेन टैक्स के मामले में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) से इंडेक्शेशन हटाने के कारण रियल एस्टेट निवेश पर प्रभाव पड़ेगा। STCG पर कर बढ़ाने के कारण, भारत के शेयर बाजार की विश्व के अन्य हिस्सों की तुलना में सापेक्ष आकर्षण घट सकता है। भारत को इस दिशा में नहीं जाना चाहिए।
बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए बजट में किए गए प्रावधान पॉलिटिक्स के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं। इन राज्यों को मिलने वाला फंड इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए है। यह निवेश मल्टीप्लायर इफेक्ट प्रदान करता है। इससे न केवल इन राज्यों को लाभ होगा, बल्कि दीर्घकालिक रूप में भारतीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।हर बजट में किसी न किसी राज्य को कुछ न कुछ मिलता है, और इस बार पॉलिटिकल रियल्टी के कारण आंध्र प्रदेश और बिहार को प्राथमिकता दी गई है।
भारत-मॉरीशस संधि में बदलाव से भारत की FDI पर प्रभाव पड़ेगा। मॉरीशस एक प्रमुख स्रोत था, लेकिन अब बदलाव के कारण उसकी भूमिका कम हो गई है। भारत को अब नए रास्तों से निवेश आकर्षित करना होगा।
2043 तक भारत का तीसरे स्थान पर आना कंपाउंड इंटरेस्ट पर निर्भर करेगा। उच्च ग्रोथ रेट से यह संभव है, लेकिन हमें अपने संसाधनों और डेमोग्राफिक्स का सही उपयोग करना होगा।
मुझे इस बजट में मिडिल क्लास की अनदेखी दिखाई देती है। यह बजट कॉरपोरेट और स्टार्टअप सेंट्रिक है। आगामी बजट में शायद मिडिल क्लास के लिए कुछ बेहतर प्रावधान किए जाएं।
India News (इंडिया न्यूज)Makeup Side Effects: ज़्यादातर लोगों का मानना है कि जब महिलाएं मेकअप…
‘कोई मुझे गोली मार देगा…’, क्यों घबराईं Raveena Tandon, आखिर किस वजह से सताया मौत…
CM Mamata Banerjee: राज्य के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक में सीएम ममता बनर्जी ने…
Norway Princess Son Arrest: नॉर्वे की क्राउन प्रिंसेस मेटे-मैरिट के सबसे बड़े बेटे बोर्ग होइबी…
India News Bihar (इंडिया न्यूज)Khelo India Games: बिहार ने पिछले कुछ सालों में खेलों की…
Baba Vanga Predictions 2025: बाबा वंगा ने 2025 में कुल 5 राशियों के लिए भारी…