इंडिया न्यूज़, चंडीगढ़:
Internal Strife Reason For The Defeat Of Congress: पंजाब विधानसभा चुनाव (punjab assembly elections) में आम आदमी पार्टी (आप) (Aam Aadmi Party) के क्लीन स्वीप में सबसे ज्यादा नुकसान सत्ताधारी कांग्रेस (Congress) को हुआ है। इसकी वजह कुछ और नहीं बल्कि कांग्रेस की अंदरूनी कलह बनी। चुनाव नतीजों में कांग्रेंस के सीएम चेहरे के साथ कांग्रेंस के पंजाब प्रधान भी हार गए। 2017 में कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में बनी कांग्रेस सरकार का पूरे पांच साल का कार्यकाल अंदरूनी कलह में बीता।
इस कलह का ही परिणाम रहा कि सूबे की राजनीति में कांग्रेस की पहचान बन चुके कैप्टन (Captain) को न सिर्फ मुख्यमंत्री पद से हटने के लिए मजबूर होना पडा। बल्कि कैप्टन ने हमेशा के लिए कांग्रेस को अलविदा भी कह दिया। पार्टी में कलह की हालत यह रही कि विधानसभा चुनाव की रणनीति और प्रचार अभियान के दौरान भी नेताओं की परस्पर लड़ाई जारी रही, जिसने पूरी पार्टी को आम आदमी पार्टी की लहर में बहा दिया।
हालांकि डैमेज कंट्रोल करते हुए कांग्रेस हाईकमान ने दलित नेता चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) को 111 दिन के लिए मुख्यमंत्री बनाकर 2022 चुनाव में दलित कार्ड खेलना चाहा लेकिन तब तक बहुत देर हो गई थी। कैप्टन की तरह चन्नी को भी अपने अल्प कार्यकाल के दौरान पार्टी की अंदरूनी कलह का सामना करना पड़ा। पार्टी के भीतर मुख्य विवाद, मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर ही रहा, जिसके लिए प्रदेश कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू (Navjot Sidhu) अप्रत्यक्ष रूप से दावेदारी पेश करते रहे।
कैप्टन के इस्तीफे के बाद इस पद के लिए सिद्धू के साथ-साथ कई अन्य सीनियर नेता भी मैदान में उतर गए और एक समय पंजाब कांग्रेस कई धड़ों में बंटती नजर आने लगी। हाईकमान ने सुनील जाखड़ को हटाकर सिद्धू को प्रदेश प्रधान का पद भी सौंपा लेकिन कुर्सी की लड़ाई और अंदरूनी कलह खत्म नहीं हो सकी। हालात यहां तक खराब दिखाई दिए कि पार्टी हाईकमान को चुनाव के दौरान सीएम चेहरा घोषित करने में भी कठिनाई हुई कि कहीं अन्य दावेदार बगावत न कर दें।
मतगणना के कुछ दिन पहले चरणजीत चन्नी को सीएम चेहरा घोषित किया गया लेकिन उस दौरान भी सिद्धू हाईकमान के फैसले पर सार्वजनिक तौर पर सवाल उठाते दिखाई दिए। चुनाव प्रचार के दौरान भी केवल चन्नी ही ऐसे नेता रहे जिन्होंने पूरे प्रदेश में पार्टी के उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया।
वहीं प्रदेश प्रधान नवजोत सिद्धू जोकि 70 सीटें जिताने का दावा कर रहे थे, सीएम चेहरा घोषित नहीं किए जाने से नाराज होकर अपने विधानसभा क्षेत्र में ही सीमित रहे और पार्टी के प्रचार के लिए राज्य में नहीं निकले। अब जनता ने, 2017में 77 सीटें जीतकर सत्ता में आई कांग्रेस को 2022 के लिए विपक्ष में बैठने का जनादेश सुना दिया है।
पार्टी यह उम्मीद कर रही थी कि दलित वर्ग से संबंधित मुख्यमंत्री के दमपर प्रदेश के 32 फीसदी दलित वोटों का सीधा फायदा चुनाव में होगा। इसके अलावा 111 दिन के कार्यकाल में चन्नी के कामकाज की शैली को जनता का जो समर्थन मिलता दिखाई दिया, उसके सहारे पार्टी फिर से सत्ता में लौटने का सपना देख रही थी।
Also Read : Punjab Assembly Election Result 2022 केजरीवाल ने फोटो शेयर कर दी बधाई
India News (इंडिया न्यूज़),PM Modi Chadar for Ajmer Sharif: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अजमेर शरीफ…
India News (इंडिया न्यूज), Himachal Weather: हिमाचल प्रदेश में ठंड ने एक बार फिर से…
symptoms of Damage kideny: किडनी स्टोन से हैं परेशान लेब्रा है आपकी जान? काल है…
India News (इंडिया न्यूज़),Dhirendra Krishna Shastri: बाग धाम सरकार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री एक निजी…
मीडिया ने बताया है कि सीआईओ अधिकारी यून को गिरफ्तार करना चाहते हैं और उन्हें…
India News (इंडिया न्यूज़), Rajasthan Weather: राजस्थान में लगातार दो पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने के…