(इंडिया न्यूज, Is ‘Act Of God’ Broken Bridge? Accused gave statement in court): मोरबी पुल दुर्घटना को लेकर सभी आरोपी की गिरफ्तारी हो गई है। मोरबी पुल हादसे को लेकर एक आरोपी ने कोर्ट को बताया है कि हादसा ईश्वर की इच्छा के कारण हुआ। रविवार को मोरबी में ढहे पुल के रखरखाव के लिए जिम्मेदार ओरेवा कंपनी के प्रबंधकों में से एक दीपक पारेख ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट और अतिरिक्त वरिष्ठ सिविल जज एमजे खान की अदालत से कहा कि ‘यह भगवान की इच्छा थी कि ऐसा दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी।”

हालांकि, सरकारी वकील ने अदालत को सूचित किया कि मरम्मत के दौरान पुल में लगी केवल खराब हो चुकी थीं, जंग के कारण वे गल गई थीं जिसके बावजूद उन्हें नहीं बदला गया। वकील ने कहा कि ढहने का असली कारण एल्युमीनियम का आधार था जिसे लकड़ी के आधार से बदल दिया गया था जो पहले की तुलना में हल्की थी।

इस बीच, मोरबी और राजकोट बार एसोसिएशन ने मोरबी पुल ढहने के मामले में आरोपियों का प्रतिनिधित्व करने के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया है। मार्च 2022 में मोरबी नगर निगम और अजंता ओरेवा कंपनी के बीच पुल के संचालन और रखरखाव के लिए 15 साल के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे और यह 2037 तक वैध था।

यह कंपनी मूल रूप से घड़ी बनाती है। साल 1971 में एक भारतीय बिजनेस टाइकून, ओधवजी राघवजी पटेल द्वारा ‘अजंता क्वार्ट्ज’ के रूप में स्थापित किया गया था जो अब ‘दुनिया की सबसे बड़ी घड़ी निर्माता कंपनी’ के रूप में जानी जाती है।

आपको बता दें,मोरबी पुल, जिसे ‘झूलता पुल’ कहा जाता है, ब्रिटिश काल के दौरान मच्छू नदी पर एक सदी से भी अधिक समय पहले बनाया गया था। घटना के चार दिन पहले गुजराती नव वर्ष पर केबल सस्पेंशन ब्रिज को जनता के लिए फिर से खोल दिया गया था। इस खौफनाक हादसे में 130 से ज्यादा लोगों की मौतें हो गईं। घटना की जांच के लिए पांच सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है.