India News (इंडिया न्यूज), Jharkhand News: झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की तस्वीर रांची विश्वविद्यालय से हटाने के मामले में राजनीतिक गर्म हो गई है। दरअसल झारखंड के रांची यूनिवर्सिटी के आर्यभट्ट सभागार में रविवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की तस्वीर हटाने का आदेश दिया गया इसके बाद तस्वीर हटा दी गई। मुख्यमंत्री की तस्वीर हटाने की खबर पूरे राज्य में आग की तरह फैल गई। झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ता और नेता सोशल मीडिया पर अपनी अपनी प्रतिक्रियाएं देने लग गए।

यह आदिवासियों का अपमान है

झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव विनोद पांडे का कहना था की मुख्यमंत्री की तस्वीर हटाना राज भवन की मानसिकता दिखता है। राज भवन एक आदिवासी मुख्यमंत्री को स्वीकार नहीं कर पा रहा है यह आदिवासियों का अपमान है। झारखंड मुक्ति मोर्चा नेता विनोद पांडे यही नहीं रुके उन्होंने यहां तक कह दिया है कि जिन लोगों के आदेश से यह तस्वीर हटाई गई उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

दोनों तरफ हेमंत सोरेन की तस्वीर

जेएमएम के केंद्रीय महासचिव विनोद पांडे की तरह ही झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओं ने इसको लेकर काफी तीखी प्रतिक्रिया दी है पार्टी के छोटे-बड़े पदाधिकारी ने इसे आदिवासी अस्मिता के साथ जोड़कर पेश किया है। दरअसल रांची विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में दोनों ही तरफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की तस्वीर थी राज भवन के अधिकारियों ने वहां मौजूद कर्मचारियों से पूछा कि नियम के मुताबिक प्रधानमंत्री की भी तस्वीर होनी चाहिए लेकिन दोनों तरफ सिर्फ मुख्यमंत्री की ही तस्वीर क्यों है इसका जवाब वहां मौजूद कर्मचारी कोई नहीं दे पाया। इसके बाद तस्वीर हटाने का आदेश दिया।

जो सही वही किया

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की तस्वीर हटाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने सधी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि प्रोटोकॉल के मुताबिक जो सही होता है वही राजभवन ने या राजभवन के अधिकारियों ने किया है इसमें किसी को राजनीति नहीं करना चाहिए।

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