इंडिया न्यूज, मुंबई:
Kangana Ranaut के बयान को लेकर हंगामा मचा हुआ है। लोग उन्हें ट्रोल कर रहे हैं। देश के कई हिस्सों में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज हो चुकी है। कंगना ने अपनी पोस्ट में फिर कई सवाल किए हैं। उन्होंने पूछा अगर अंग्रेजों ने अपराध किए थे, तो क्या हमने कोई केस किया? क्या हमने उनके खिलाफ कोई एक्शन लिया, जिन्होंने देश को बांट दिया। कंगना का ये लंबा चौड़ा पोस्ट अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
भारत को वर्ष 1947 में मिली आजादी को भीख बताकर विवादों में घिरीं कंगना रनौत अपनी बात पर अब भी अड़ी हुई हैं और खुद को सही साबित करने के लिए लगातार तर्क दिए जा रही हैं। कंगना के इस विवादित बयान को लेकर जब सोशल मीडिया पर लोगों ने उन्हें ट्रोल किया तो उन्होंने पद्मश्री सम्मान वापस कर देने की बात कह डाली, लेकिन इस सम्मान को वापस करने के लिए उन्होंने कुछ सवाल भी दाग दिए। उन्होंने कहा कि मेरी बात गलत साबित हुई तो सम्मान वापस करने के साथ माफी भी मांग लूंगी। इस ऐलान के बाद उन्होंने फिर एक लंबा चौड़ा पोस्ट शेयर किया है, जो खूब वायरल हो रहा है।
कंगना रनौत ने इंस्टाग्राम पर एक लिखा कि अगर अंग्रेजों ने अपराध किए थे, तो क्या हमने कोई केस किया? क्या हमने उनके खिलाफ कोई एक्शन लिया, जिन्होंने देश को बांट दिया। कंगना रनौत ने ब्रिटिश मीडिया संस्था बीबीसी के 2015 का एक लेख का स्क्रीनशॉट साझा किया है। कंगना ने लिखा है कि यह 2015 में बीबीसी द्वारा प्रकाशित एक लेख है, जिसमें तर्क दिया गया है कि ब्रिटेन भारत के लिए कोई क्षतिपूर्ति नहीं करता है। अब आप बताइए कि ये गोरे उपनिवेशवादी या उनके हमदर्द आज के जमाने में इस तरह की बकवास से क्यों और कैसे दूर हो सकते हैं? अगर आप इसका पता लगाने की कोशिश करते हैं, तो इसका जवाब मेरे टाइम्स नाउ समिट स्टेटमेंट (जहां कंगना ने आजादी भीख वाला बयान दिया था) में है।
उन्होंने आगे कहा कि ऐसा इसलिए कि हमारे राष्ट्र निर्माताओं ने भारत में किए गए अनगिनत अपराधों के लिए, हमारे देश के धन को लूटने से लेकर हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को बेरहमी से मारने, हमारे देश को दो भागों में विभाजित करने, स्वतंत्रता के समय में किए गए अनगिनत अपराधों के लिए अंग्रेजों को जिम्मेदार नहीं ठहराया है।
पंगा गर्ल ने आगे कहा कि एक अंग्रेज श्वेत व्यक्ति सिरिल रैडक्लिफ, जो पहले कभी भारत नहीं आया था, केवल 5 सप्ताह में विभाजन की रेखा खींचने के लिए अंग्रेजों द्वारा भारत लाया गया। कांग्रेस और मुस्लिम लीग दोनों ही उस समिति के सदस्य थे, जिसने अंग्रेजों द्वारा खींची गई विभाजन रेखा की शर्तों को तय किया, जिसका परिणाम ये हुआ कि लगभग 10 लाख लोग मारे गए. अब बताए कि क्या दुखद रूप से मरने वालों को आजादी मिली?
कंगना ने आगे कहा कि क्या ब्रिटिश या कांग्रेस, जो विभाजन रेखा से सहमत थे। विभाजन के बाद हुए नरसंहार के लिए जिम्मेदार नहीं थे? हमारे प्रथम प्रधानमंत्री श्री जवाहरलाल नेहरू की तरफ से 28 अप्रैल 1948 को ब्रिटिश सम्राट को एक पत्र लिखा गया है, जिसमें भारत के गवर्नर जनरल के रूप में पश्चिम बंगाल के तत्कालीन गवर्नर की नियुक्ति के लिए ब्रिटिश स्वीकृति का अनुरोध किया गया है।
कंगना ने अपने पोस्ट के आखिर में कहा कि स्वतंत्र भारत के लिए अपनी जान देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को क्या पता था कि ब्रिटिश और हमारे राष्ट्र निर्माता अविभाजित भारत को दो हिस्सों में बांट देंगे, जिसके परिणामस्वरूप 10 लाख लोगों का नरसंहार होगा? आखिर में मैं यह कहकर अपनी बात समाप्त करना चाहती हूं कि यदि हम भारत में किए गए असंख्य अपराधों के लिए अंग्रेजों को जिम्मेदार नहीं ठहराते हैं, तब भी हम अपने स्वतंत्रता सेनानियों का अनादर कर रहे हैं। जय हिंद।
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