Kartapur Corridor
इंडिया न्यूज, चंडीगढ़:
Kartapur Corridor पाकिस्तान के साथ करतारपुर साहिब कॉरिडोर को तुरंत फिर से खोलने की अपील करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुसैनीवाल गावं अदला-बदली की तर्ज पर कही, और जमीन का उपयुक्त हिस्सा देने के बदले भारत और पाकिस्तान के बीच जमीन की अदला बदली के प्रस्ताव को खोलने के लिए व्यक्तिगत हस्तक्षेप करने का आग्रह किया। बादल ने प्रधानमंत्री से पाकिस्तान में सभी बहु आस्था वाले पवित्र धार्मिक स्थलों को भारत पाक सीमा से जोड़ने के लिए स्थाई शांति कॉरिडोर बनाने के लिए कूटनीतिक पहल करने का भी आग्रह किया।
Kartapur Corridor प्रधानमंत्री को लिखा पत्र
प्रधानमंत्री को लिखे अपने दो पन्नों के पत्र में बादल ने याद किया कि करतारपुर साहिब को भारत में लाने के लिए जमीन की अदला-बदली का प्रस्ताव सबसे पहले 1948 में अकाली दल द्वारा प्रस्तुत किया गया था। वास्तव में, 1969 में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री ने फरक्का बांध के संबंध में शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह जी के साथ-साथ भारत और बांग्लादेश के शहादत स्थल के संबंध में फिरोजपुर क्षेत्र में पहले जिस तर्ज पर दोनों देशों में आदान प्रदान के लिए पाकिस्तान सरकार से औपचारिक रूप से संपर्क करने पर सहमति व्यक्त की थी।
Kartapur Corridor जल्द खोलने की मांग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को याद दिलाते हुए कि ऐतिहासिक करतारपुर साहिब कॉरिडोर को पूरा करने और उसका उद्घाटन करने के लिए उन्होने कैसे पहले पहलकदमी की सफलता उन्हें मिली थी। उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा करतारपुर कॉरिडोर को बर्लिन की दीवार को गिराने से तुलना करते हुए कहा कि जर्मनी में बर्लिन की दीवार गिर गई, लेकिन सिखों के लिए बर्लिन की दीवार अभी भी भारत-पाक सीमा पर बनी हुई है ।
बादल ने प्रधानमंत्री से व्यक्तिगत रूप से करतारपुर साहिब कॉरिडोर फिर से खोलने के लिए हस्तक्षेप करने का आग्रह किया, पाक सरकार के साथ इस पवित्र भूमि अदला-बदली के माध्यम से भारत में शामिल करने के प्रस्ताव को उठाने का आग्रह किया।
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