karwa chauth beauty tips: महिलाओ का सबसे पसंदीदा त्यौहार करवा चौथ नजदीक आ गया है और ऐसे में खूबसूरत दिखने का क्रेज पहले से कहीं ज्यादा बढ़ जाता है। अगर ये आपका पहला करवा चौथ है तो आपका उत्साह और उमंग हिलोरे मार रही होगी और जाहिर है आप ने त्यौहार की तैयारियां भी शुरू कर दी होंगी।
करवा चौथ के दिन सभी सुहागन महिलाएं 16 श्रृंगार करती हैं। उस दिन उनका चेहरा बिलकुल चांद की तरह खिला नजर आता है।
Karva Chauth के पवित्र दिन सभी विवाहित महिलाएं अपने हाथों में मेहंदी, बिन्दी तथा पूरे श्रृंगार के साथ दिन भर अपने जीवन साथी की लम्बी उम्र तथा सुखी दाम्पत्य जीवन के लिए निर्जल व्रत तथा पूजा करती हैं। इस तयौहार में महिलाएं पूरे उत्साह से संजने संवरने के बाद अपने पति के लम्बी उम्र तथा स्वस्थ्य के लिए पूरे विधि विधानों के साथ व्रत और पूजा करती हैं।
इस पवित्र दिन महिलाएं श्री गणेश, मां गौरी तथा चन्द्रमा की पूजा करती हैं। इस दिन महिलाओं में सजने संवरने का बहुत क्रेज होता है कहा जाता है कि इस दिन व्रत रखने से महिलाओं के सौन्दर्य में चांद जैसा निखार उभरता है। हालांकि आजकल महिलाओं में सजने संवरने में ब्यूटी पार्लर और मॉल का प्रचलन शुरू हो गया है लेकिन अगर आप सचमुच सबसे अलग दिखना चाहती हैं तो इस त्यौहार की तैयारियां हफ्ते भर पहले कर लें तथा ब्यूटी पार्लर के महंगे सौन्दर्य प्रसाधनों की बजाय घरेलू हर्बल प्रसाधनों के उपयोग से आप हुसन की मलिका बन सकती हैं तथा आप दमकी दमकी नजर आएंगी चाहे मौसम का मिजाज कूछ भी हो।
इस बार कोरोना के डर का साया आपके उत्साह पर भी पड़ सकता है इसलिए सभी तैयरियां समय से पहले ही पूरी कर लें। वैक्सिंग, थ्रेडिंग, मैनीक्योर, पेडीक्योर और फेसिअल आदि मेहंदी लगाने से पहले ही कर लें ताकि बाजार में उत्स्व के रश से बच सकें तथा सामाजिक दुरी आदि के सरकारी नियमों का पूरी तरह पालन कर सकें। करवा चौथ में हाथों/पांवो पर मेहंदी लगाने की सदियों पुरानी समृद्ध परम्परा है।
आप को मेहंदी त्यौहार से एक दो दिन पहले लगानी चाहिए ताकि व्र्रत के दिन मेहंदी सुख कर डार्क कलर की हो जाए। मेहंदी लगाने के बाद इसे प्रकृतिक तौर पर सूखने दें। महिलाएं इस त्यौहार की खरीद दारी काफी पहले से ही कर देती हैं लेकिन फिर भी जरूरी सौंदर्य प्रसाधन छूट ही जाते है।
इसलिए त्यौहार की तैयारियों में ब्यस्तता के बीच आप लिप कलर, आई मेकअप, नेल कलर आदि जरूरी सौन्दर्य प्रसाधन समय रहते ही ले लें। अगर आप बालों में मेहंदी/रंग लगाती हैं तो भी हेयर कलर, हेयर स्टाइल, हेयर कट, नेल आर्ट आदि कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट दो तीन दिन पहले ही करबा लें ताकि गलती/गड़बड़ी आदि को समय रहते ठीक किया जा सके।
इस दिन लाल रंग की कांच की चूड़ियां आप के सौन्दर्य को निखारने में अहम भूमिका अदा करेंगी।
इस त्यौहार में हम ज्यादातर अपने चेहरे पर ज्यादा फोकस करते हैं लेकिन अगर आप बास्तब में दमकती त्वचा पानी चाहती हैं तो आपको अपने चेहरे तथा शरीर दोनों की सुन्दरता पर फोकस करना पड़ेगा। चेहरे की बजाय पूरे शरीर की त्वचा की उचित देखभाल आप के सौन्दर्य को प्रकृतिक निखार देगी।
इस पावन त्यौहार में ज्यादातर अपने पुराने सौन्दर्य प्रसाधनों/ट्रीटमेंट पर भरोसा रखें तथा कोई नया सौन्दर्य प्रसाधन टेस्ट करने से परहेज करें क्योंकि अगर नया सौन्दर्य प्रसाधन आपकी त्वचा या ब्यक्तित्व पर खरा नहीं उतरा तो आप का मूड खराब हो जायेगा।
बालों को अलग करके मांग के बीच में सिन्दूर लगाना बिबाहित महिला की निशानी माना जाता है और करवा चौथ के त्यौहार में इस परम्परा का वहन करना चाहिए। गोल्ड सेटिंग में काले मनकों से जड़ित मंगलसूत्र आपके पवित्र प्यार को दशार्ने के साथ ही बुरी नजर से भी बचाएगा।
इस दिन अपनी खूबसूरती को निखारने में ब्यूटी सैलून्स की बजाय अपने पर ज्यादा भरोसा रखें। अपनी त्वचा को नियमित रूप से एलो वेरा, ग्रीन टी, शहद का पोषण दें। आप नहाती बार दूध का इस्तेमाल करें तो बेहतर होगा। करवा चौथ में अपने शरीर की नमी बनाये रखने के लिए आप पहले से ही रोजाना नियमित रूप से आठ दस गिलास पानी पिएं।
अपनी दिनचर्या में जूस, निम्बू पानी, नारियल पानी, सूप तथा मौसमी फलों आदि को जरूर शामिल करें। यह सुनिश्चित करें की आपकी त्वचा पूरी तरह से मॉइस्चरीजड रहे। मेक अप से पहले अपनी त्वचा पर उपयुक्त मॉइस्चराइजर लगाना ना भूलें।
आजकल पूरे देश में प्रदूषण खतरनाक स्तर को पार कर रहा है तो ऐसे में जहां आप कोरोना वायरस से बचने के लिए फेस मास्क का उपयोग करें तो दूसरी और अपनी त्वचा/शरीर की सुन्दरता को हानिकारक धूल, मिटटी और प्रदूषण की मार से बचाने के लिए घर से बाहर जाते समय अपने चेहरे तथा खुले भागों को स्कार्फ/कपड़े से ढक लें ताकि आपकी त्वचा को शील्ड मिल सके।
करवा चौथ से तीन दिन पहले हाथों तथा पावों की सुंदरता पर फोक्स करने के बाद मेहंदी लगाएं। मेहंदी लगाने के दो घण्टे बाद नीम्बू और चीनी के मिश्रण से इसे हटा दें।
शहद और दूध का फेस मास्क आपकी त्वचा की नमी बरकरार रखते हुए भी आपकी त्वचा को मुलायम, आकर्षक बना देते हैं। आप दूध में शहद मिलाकर बने फेस मास्क को त्वचा पर दस मिनट तक लगाने के बाद ताजे पानी से धो डालिए।
आप अपनी त्वचा को साफ करके उस पर सनस्क्रीन तथा माइस्चराइजर का प्रयोग कीजिए तैलीय त्वचा के लिए एस्ट्रीजन्ट लोशन का प्रयोग करने के बाद पाऊडर लगाऐ। तैलीय त्वचा के लिए ज्यादा पाऊडर का प्रयोग मत करें तथा चेहरे के तैलीय भागों पर ही ध्यान दे।
पूरे चेहरे तथा गर्दन पर हल्की गीली स्पंज से पाऊडर का प्रयोग करें। इससे चेहरे का सौंदर्य लम्बे समय तक बना रहता है। दो चम्मच गेहूं चोकर ,एक चम्मच बादाम तेल, दही, शहद और गुलाब जल का पेस्ट बना कर इसे चेहरे पर लगा कर 20 मिनट बाद धोने से चेहरे की सुन्दरता निखर जाती है तथा चेहरा खिला खिला रहता है।
अगर आप पफाउंडेशन का प्रयोग करना चाहती है तो केवल जल आधरित फांउडेशन का ही प्रयोग करें तथा हल्के कवरेज के लिए एक या दो बूंद पानी प्रयोग में ला सकती है। फांउंडेंशन जितना भी सम्भव है आपकी त्वचा के रंग से मेल जोल खाती होनी चाहिए तथा उसके बाद पाऊडर का उपयोग करें। चेहरे पर प्रकृति आभा के लिए अच्छी तरह ब्लैड करके गालों को ब्लशर से चमकाए।
आंखों की सुन्दरता के लिए अपनी पलकों को पेंसिल या काजल से चमकाऐं। आंखों पर कोमल प्रभाव के लिए पलकों पर भूरी या स्लेटी आई शैडों का प्रयोग करें तथा इसके बाद मस्कारा का प्रयोग करें जिससे आंखों पर चमक आ जाएगी तथा मेकअप में भारीपन की दिखावट भी नहीं होगी।
मस्कारा को एक भारी मुलम्मे की बजाय दो हल्की तहों में करना चाहिए। पहला कोट करने के बाद इसे सूखने दें तथा इसे कंघी या ब्रश कर लें। इसके बाद दूसरा कोट कीजिए तथा पहली प्रक्रिया को दोहराईये। इसके बाद दूसरा कोट कीजिए तथा पहली प्रक्रिया को दोहराईए।
सबसे बाद में लगाई जाने बाली लिपस्टिक से पता चलता है कि आप का मेक अप सही हुआ है या नहीं। लिपस्टिक की गलत शेड आपके पुरे लुक को खराब कर सकती है। हमेशा अपनी स्किन टोन के मुताबिक ही लिपस्टिक की शेड का चयन करें और अगर आपने आई मेक अप डार्क किया है तो हलके रंग की लिपस्टिक का चयन करें लिपस्टिक की सुन्दरता के लिए घने गहरे रंगों का उपयोग न करें क्योंकि चमकीली लाईट में यह ज्यादा गहरे दिखाई देते हैं जिससे आपकी आभा पर विपरित असर दिखाई देता है।
सौंदर्य पर चार चांद लगाने के लिए गुलाबी, ताम्रवर्णी, कांस्यवर्णी रंगों का प्रयोग करें। नारंगी रंग या नारंगी शेड का प्रयोग पफैशन का नया प्रचलन है। विकल्प के तौर पर आप हल्के बैंगनी तथा गुलाबी रंगों का प्रयोग भी कर सकतेी है लेकिन यह सभ्ीा रंग अत्याध्कि चमकीले नहीं होने चाहिए। बिन्दी करवा चैथ के सौन्दर्य का अभिन्न अंग मानी जाती है। अपनी पोशाक से मिलती जुलतें रंग की सजावटी बिन्दी का प्रयोग करें। छोटे चमकीले रत्नों से जड़ित बिन्दी कापफी आर्कषक लगती है।
अपने सौन्दर्य में इत्रा लगाना कभी न भूलें क्योंकि यह सोने पर सुहागें का काम करता है उचित जीवनशैली अपनाने से चहेरे पर चमक तथा उत्साह की झलक मिलती है। तेजस्वी आभा के लिए उचित पोषाहार, व्यायाम पर्याप्त नींद, तथा विश्राम अत्यन्त आवश्यक है।
त्यौहार से कुछ हफ्रते पहले हल्का व्यायाम तथा पैदल चलने की आदत डालनी चाहिए। पैदल चलना शारीरिक तथा मानसिक स्वस्थ्य दोनों के लिए अत्यन्त लाभकारी साबित होता है। मन की शान्ति तथा स्वास्थ्य के लिए लम्बी गहरी सांसे सबसे ज्यादा लाभप्रद मानी जाती है।
करवाचैथ के त्यौहार के दिन नई दुल्हनें तथा युवा महिलाएं दुल्हनों जैसी पोशाक पहनना पसन्द करती है जिससे उन्हें दुल्हन जैसा अहसास प्रदान होने का दुबारा अवसर मिलता है। आज के दौर में परम्पारिक लाल रंग के साथ-साथ गहरा गुलाबी रंग, हल्का गुलाबी रंग, हल्का नीला रंग, पिफरोजी नीला रंग, हल्का बैंगनी रंग, स्ट्राबैरी, कांस्य, जामुनी रंग भी कापफी आकर्षक तथा लोकप्रिय माने जाते है। युवा महिलाओं में दो रंगों का मिश्रण भी कापफी लोकप्रिय माना जाता है।
डैज्स के तौर पर लैहंगा चोली कापफी लोकप्रिय हैं या महिलाएं घने अलंकृत कुर्ते के साथ सलवार-कुर्ते का प्रयोग भी कर सकती है। साड़ी के परम्पारिक तरीके से पहनने की बजाय इस तरीके से पहनना चाहिए ताकि सजावटी चोली तथा सघन आंचल की खूबसरूती सापफ तौर पर झलकती रहे। सिली हुई साड़ियों का नया टैज्ंड चल पड़ा है जिसे आच्छादित नहीं करना पड़ता।
(Karva Chauth)
करवाचैथ में विवाह की तरह विभिन्न आर्कषक पौशाकें पहनी जा सकती है। इस त्यौहार में जरदोजी, जाली क्रेप तथा पतली रेशमी कपड़े वाली पौशाकों को उपयोग में लाया जा सकता है। इस त्यौहार में हीरे सहित सपफेद या रंगीन रत्नों से जड़ित आभूषण प्रयोग में लाए जाते हैं।
परम्परा पौशाक में आभूषण भी परम्परागत आकर्षक दिखाई देने चाहिए। लेकिन यदि आध्ुनिक लुक हो तो महिलाऐ प्रभावशाली आभूषण भी पहन सकती है। करवाचैथ में मुख्यत: परम्पारिक पोशाको तथा परिधनों को ही पसन्द किया जाता है क्योंकि इनका सम्बन्ध् व्रत तथा पूजा अर्चना से सीधे तौर पर जुड़ा है। हालांकि बदलते परिवेश में पिफल्मों तथा पफैशन का प्रभाव भी कुछ हद तक इस व्रत में दिखने में मिल जाता है।
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