इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Lassa Fever Spread By Rats: अभी कोरोना महामारी की तीसरी लहर से थोड़ी राहत मिली ही थी कि चूहों से फैलने वाला ”लासा फीवर” नाम के वायरल बुखार ने दस्तक दे दी। फिलहाल ब्रिटेन में इसके (lassa fever) तीन मामले सामने आए हैं, और उन तीन में से एक की मौत भी हो गई है। तीनों लोगों ने कुछ समय पहले ( lassa fever west africa)पश्चिम अफ्रीकी देशों की यात्रा की थी। (lassa fever in india) फिलहाल भारत में इसका एक भी मामला सामने नहीं आया है, लेकिन इंटरनेशनल ट्रैवल ने इस चिंता को बढ़ा दिया है। चलिए जानते हैं कैसे फैलता है लासा फीवर, क्या हैं इसके लक्षण।
क्या है लासा बुखार?
- विशेषज्ञों अनुसार, लासा फीवर चूहों से फैलने वाली बीमारी है। ये खासतौर पर पश्चिम अफ्रीका के चूहों में पाई जाती है। यह वायरस से होने वाला बुखार है। नाइजीरिया (lassa fever nigeria) देश में लासा नाम की एक जगह है, जहां इस बीमारी का पहला केस 1969 में आया था। इसलिए इस बुखार का नाम लासा फीवर रखा गया और वायरस का नाम लासा वायरस। सबसे पहले इस बीमारी से दो नर्सों की मौत हुई थी। (lassa fever britain)
- देखते ही देखते यह बीमारी बेनिन, घाना, टोगो, सिएरा लियोन, लाइबेरिया और गिनी जैसे देशों में फैल गई थी। हालांकि, अब यह बीमारी इन देशों में एंडेमिक स्टेज में आ चुकी है। इसका मतलब यहां के लोग लासा फीवर के साथ जीना सीख गए हैं और यह बुखार अब सामान्य हो गया है। एक अनुमान के अनुसार, पश्चिम अफ्रीका में हर साल लासा बुखार के एक से तीन लाख केस आते हैं, (lassa fever statistics) जिनमें से पांच हजार की मौत होती है। (lassa fever danger)
इस बुखार से कितना खतरा?
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) अनुसार, लासा फीवर से होने वाली मृत्यु दर सिर्फ एक फीसदी यानी काफी कम है। प्रेग्नेंसी के आखिरी महीनों में महिलाओं के लिए यह जानलेवा साबित हो सकता है। इसके 80 फीसदी मामलों में लोगों को कोई लक्षण नहीं आते हैं, जिससे वायरस डिटेक्ट नहीं हो पाता है। ( Lassa Fever Spread By Rats)
- कुछ लोगों को अस्पताल में भर्ती करने की नौबत आ जाती है, क्योंकि सही समय पर इलाज नहीं मिलने से ये बीमारी गंभीर हो सकती है। गंभीर होने पर ये बुखार किडनी और लिवर जैसे अंगों पर वार कर सकता है, जो कि जानलेवा है। हॉस्पिटलाइज हुए मरीजों में लासा फीवर से मौत का खतरा 15 फीसदी तक हो सकता है।
कैसे फैलती है यह बीमारी?
यह बीमारी चूहे से तब फैलती है जब इंसान उसके मल या मूत्र से दूषित खाना खा ले। इसके अलावा संक्रमित चूहे के घरेलू सामान के संपर्क में आने पर भी इंसानों में ये बीमारी आ सकती है। यदि आप संक्रमित व्यक्ति की आंख, नाक या मुंह से निकलने वाले तरल पदार्थ के संपर्क में आते हैं, तो आपको भी ये बुखार हो सकता है। हालांकि, ये चीज काफी कम मामलों में देखी गई है। इसका कोई सबूत नहीं मिला है कि यह बीमारी गले लगने, हाथ मिलाने या साथ बैठने से यह फैलती है।
लासा फीवर के लक्षण क्या हैं?
- लासा बुखार से एक्सपोज होने के 2 से 3 हफ्ते बाद शरीर में लक्षण दिखाई देते हैं। हालांकि, हर 10 में से 8 लोगों को इसके कोई लक्षण नहीं आते। (lassa fever symtoms)
- माइल्ड लक्षण: बुखार, थकान, सिर दर्द, कमजोरी।
- गंभीर लक्षण: उल्टी, चेहरे में सूजन, ब्लीडिंग, छाती, पीठ और पेट में दर्द और झटके आना।
- अमेरिकी हेल्थ एजेंसी सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, लासा बुखार का सबसे गंभीर कॉम्प्लिकेशन है बहरापन। तकरीबन एक तिहाई संक्रमित लोगों को कम से लेकर ज्यादा बहरापन होता है। कई मामलों में लोग हमेशा के लिए बहरे हो जाते हैं।
क्या लासा बुखार का इलाज संभव है? (lassa fever treatment)
समय पर लासा फीवर की जांच होने पर मौजूदा इलाज से इसे ठीक किया जा सकता है। इस बीमारी के खिलाफ रिबावायरिन नाम की एक एंटीवायरल ड्रग इस्तेमाल की जाती है। सीडीसी अनुसार, लासा बुखार से बचने के लिए चूहों के संपर्क में आने से बचें। अपने घर में चूहों की एंट्री नहीं होने दें।
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