India News(इंडिया न्युज) Chandramani Shukla, Lucknow : उत्तर प्रदेश में इन दोनों लोकसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां काफी तेज हो गई हैं। यूपी की सियासी अहमियत को देखते हुए सभी राजनीतिक दल अपनी अपनी रणनीति बना रहे है। इसी क्रम में यहां के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने अपने पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक यानी पीडीए के फार्मूले के तहत एक नई योजना बनाई है। ऐसा बताया जा रहा है कि इन दिनों समाजवादी पार्टी 35 लोकसभा सीटों को लेकर एक अलग तरह की रणनीति बना रही हैं। इन सीटों पर विशेष रणनीति के तहत 3 कैंडिडेट का चयन किया जाएगा जो पीडीए के फार्मूले के तहत होगा। इन तीन में से एक पिछड़ा, एक दलित और एक अल्पसंख्यक होगा फिर अंत में चुनाव के कुछ समय पहले एक सदस्य के नाम पर सपा प्रत्याशी के रुप में मोहर लगेगी।

गठबंधन के कारण मिलेगी अन्य दलों की सीटें

समाजवादी पार्टी आने वाले लोकसभा चुनाव में विपक्षी दालों के गठबंधन I.N.D.I.A का हिस्सा बनकर पीडीए के फार्मूले पर अपना दांव आजमाना चाहती है। इसी कारण अखिलेश यादव यह भी समझते हैं कि उत्तर प्रदेश में गठबंधन के कारण अन्य दलों को सीटों देनी पड़ेगी। खासकर कांग्रेस से जब सीटों को लेकर बातचीत होगी तब वह यूपी में कम सीटों पर समझौता नहीं करेगी।
आरएलडी भी 10 से 12 सीटों की मांग कर रही है, साथ ही नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू की तरफ से भी प्रदेश में एक से दो सीटों की मांग हो सकती है। इसी तरह ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी की तरफ से भी हो सकती है। ऐसी स्थिति में अखिलेश यादव यूपी में इन दलों को सीटें देकर इनके प्रभाव वाले राज्यों में अपने दल के लिए सीटें मांग सकते हैं।

सभी सीटों के हर बूथ पर बनेगी 10 सदस्यों की कमेटी

इसी को देखते हुए समाजवादी पार्टी ने अभी से 35 ऐसी सीटों को चिन्हित कर लिया है। जो उसके लिए राजनीतिक या जातिय आधार पर अनुकूल हैं। समाजवादी पार्टी का इन 35 सीटों को लेकर ध्यान इसलिए भी अधिक है कि यहां चुनाव आसानी से अपने पक्ष में किया जा सकता है क्योंकि इन सीटों पर कभी ना कभी समाजवादी पार्टी का प्रत्याशी या तो जीत चुका है या दूसरे नंबर पर रहा है। इन सभी सीटों पर अखिलेश यादव अपने नए सियासी समीकरण पीडीए के तहत कैंडिडेट तलाश रहे हैं।

इन सभी सीटों पर 3-3 कैंडिडेट का चयन करके पीडीए के तहत रणनीति को बनाया जा रहा है। जिसमें सबसे अंत में मुख्य प्रत्याशी का चयन होगा। उसका आधार भी विपक्षी कैंडिडेट और जातीय समीकरण को ध्यान में रखकर किया जाएगा। वही रणनीतिक प्लान तो यहां तक बनाया गया है कि इन सभी सीटों पर हर बूथ पर 10 सदस्यों की कमेटी बनाई जाएगी। वह भी पीडीए के फार्मूले के तहत ही अलग-अलग जाति समुदाय से होगी।

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