इंडिया न्यूज़ (मुंबई, Maharashtra bureaucracy): लगभग दो महीने से ज्यादा हुए महाराष्ट्र में सरकार पार्ट-2 यानी ED सरकार आप चौंकिए नही प्रवर्तन निदेशालय नही, E -एकनाथ शिंदे और D – देवेंद्र फडणवीस सरकार.

2019 में उद्धव ठाकरे की अगुवाई में महाविकास अघाड़ी की जब सरकार बनी तब 2014 से 2019 की शिवसेना-बीजेपी सरकार के करीबी नौकरशाहों को लूपलाईन पोस्टिंग / पनिश्मेंट पोस्टिंग देकर प्रताड़ित किया क्योंकि उद्धव सरकार यह जानती थी की कौन आईएएस / आईपीएस /आईएफएस, देवेंद्र फडणवीस के करीबी हैं, उन्हे चुन-चुन कर उनकी क़ाबिलियत को ताक पर रख कर साइड पोस्टिंग दे दी गई.

लेकिन उद्धव की तीपहिया सरकार जैसे ही जून के महीने पंक्चर हो गयी और ED सरकार ने काम काज सम्भाला उन अफ़सरों की बाँछें खिल उठी जो महाविकास अघाड़ी सरकार मे सताए डराए हुए थे और कुछ तो राज्य से बाहर जाने मे ही भलाई समझ सेंटर पोस्टिंग ले लिए थे.

नौकरशाही मे काफ़ी असंतोष है

लेकिन सरकार तो बदली लेकिन बदली सरकार ने अफ़सरों की बदली की सूची नही बना पायी जिसको लेकर महाराष्ट्र की नौकरशाही मे काफ़ी असंतोष है। ख़ासकर आईएएस / आईपीएस तबादलों को लेकर समंदर मे उठती लहरो की तरह रोज़ खबरें उठती है आज लिस्ट आनेवाली है , अभी देवेंद्र फडनविस रुस के दौरे से लौट जाए तो बदली हो जाएगी , लेकिन ऐसा नही हो रहा.

उद्धव सरकार से सताए अफ़सरो ने वर्षा और सागर बंगले में अपनी हाजरी भी लगा दी। आशवशन भी मिला (बघु) यानी देखते है लेकिन किस अफ़सर को कहां दे कौनसा ज़िला दे क्यों की शिंदे गुट को अपने अफ़सर चाहिए और बीजेपी को अपने , साइड पोस्टिंग वाले अफ़सरों को लग रहा की वफादारी बोनस मिलेगा तो मौजूदा काम मे मन नही लग रहा.

खबरों का बाज़ार गर्म है, इस विलम्ब के कारण सरकार के काम पर भी खासा असर पड़ रहा है। लेकिन ED सरकार की दुविधा का अंत नही दिखाई दे रहा । तबदले ही नही शिंदे गुट के दर्जन भर विधायकों को मंत्रिमंडल विस्तार का इंतज़ार है , जो हाल फ़िलहाल होता दिखाई नही दे रहा । असंतोष अफ़सरों में नही तो विधायकों मे भी उतना ही है- पीस आम जनता ही रही है । लोगों को लग रहा की यह पिछली सरकार से अलग कैसे.

Bylines: Manish Awasthi