इंडिया न्यूज़ (दिल्ली): महाराष्ट्र राजनीतिक संकट से जुड़े मामलो पर पांच जजों की पीठ सुनवाई कर सकती है,आज सुप्रीम कोर्ट में इसपर सुनवाई हुए,भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना,न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने अयोग्यता कार्यवाही,अध्यक्ष के चुनाव,पार्टी व्हिप की मान्यता और शिंदे सरकार का विधानसभा में बहुमत परिक्षण सहित कुल छह याचिकाओं पर सुनवाई की,यह याचिकाएँ शिंदे गुट और उद्धव ठाकरे गुट की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई थी.
मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा की कुछ मुद्दों पर मुझे लगता है की एक बड़ी पीठ की आवश्यकता हो सकती है,कुछ मुद्दे महत्वपूर्ण संवैधानिक मुद्दे हैं जिन्हें सुलझाया जाना चाहिए,कुछ मुद्दे जैसे पैरा 3 (दसवीं अनुसूची के) को हटाने के परिणाम और विभाजित अवधारणा की अनुपस्थिति,क्या अल्पमत पार्टी का नेता को पार्टी के नेता को अयोग्य घोषित करने का अधिकार है यह कुछ मुद्दे हैं,यदि आप मुद्दों को सुलझा सकते हैं तो हम तय कर सकते हैं कि कैसे आगे बढ़ना है.
मुख्य न्यायाधीश ने साफ़ किया की वह इस मामले को बड़ी बेंच को रेफर करने का आदेश पारित नहीं कर रहे है,वह सिर्फ इस बारे में सोच रहे है.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा की वकीलों को सुनने के बाद यह सहमति हुई है कि यदि आवश्यक हो तो कुछ मुद्दों को एक बड़ी पीठ को भी भेजा जा सकता है, इसे ध्यान में रखते हुए पार्टियों को मुद्दों को सुलझाने में सक्षम बनाने के लिए,उन्हें अगले बुधवार तक इसे फाइल करने दें.