India News (इंडिया न्यूज), Maratha Reservation: महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए मराठाओं को 10% मराठा आरक्षण के विधेयक के मसौदे को मंजूरी दे दी। शिक्षा और सरकारी नौकरियों में ये आरक्षण लागू हुगा। महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को एक दिन के लिए विशेष विधानसभा सत्र आयोजित किया जिसमें मराठा आरक्षण प्रमुख एजेंडा था।
मालूम हो कि पिछले हफ्ते सीएम शिंदे ने दावा किया था कि उनकी सरकार अन्य समुदायों के आरक्षण में किसी भी तरह का बदलाव किए बिना मराठा समुदाय को आरक्षण देगी। इस मुद्दे को लेकर महाराष्ट्र के नेता जारंगे पाटिल के नेतृत्व में मराठा समुदाय ओबीसी श्रेणी के तहत शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण की मांग कर रहा था। हालांकि, कुंभी श्रेणी के तहत आरक्षण की गारंटी पर महाराष्ट्र सरकार के भीतर आपत्ति है, वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने इसका विरोध किया है।
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इसके साथ, महाराष्ट्र में शिंदे सरकार ने राज्य विधानमंडल के एक विशेष सत्र में मराठों के लिए आरक्षण को 50% से ऊपर बढ़ा दिया। मराठा आरक्षण विधेयक सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ा वर्ग अधिनियम, 2018 के समान है, जिसे तत्कालीन सीएम देवेंद्र फड़नवीस द्वारा पेश किया गया था।
मालूम हो कि महाराष्ट्र में पहले से ही आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए 10% कोटा है जिसमें मराठा सबसे बड़े लाभार्थी हैं, जो 85% आरक्षण का दावा करते हैं। विशेष रूप से, 2021 में, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र में कॉलेज प्रवेश और नौकरियों में मराठों के लिए आरक्षण को रद्द कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि समग्र आरक्षण पर 50% के उल्लंघन को उचित ठहराने के लिए कोई असाधारण परिस्थितियाँ नहीं थीं। राज्य ने समीक्षा याचिका दायर की, जिसे भी खारिज कर दिया गया। इसके बाद उसने सुधारात्मक याचिका दायर की।
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