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Meditation: ध्यान से बढ़ाए अपने निर्णय लेने की क्षमता, आसान शब्दों में जानें मैडिटेशन का सही अर्थ

India News (इंडिया न्यूज़), धर्म डेस्क, Meditation: सनातन और अन्य धर्मों में ध्यान ( Meditation) का महत्व सबसे अधिक है। ध्यान के रास्ता पर चलकर एक साधारण व्यक्ति सिद्धार्थ से ‘गौतम बुद्ध’ बन गए, और संसार को शांति का मार्ग दिखाया। इस बात में कोई दो राय नहीं कि ध्यान की मद्द से हम किसी भी चीज में आसानी से सफलता प्राप्त कर सकते हैं। स्वामी विवेकानंद की किताब कर्म योग में लिखा है,’जीवन में सफलता मनुष्य की एकाग्रता और ध्यान करने की क्षमता पर निर्भर करती है।’ इसके अलावा ध्यान करने से आपके आस-पास नेगेटिव ऊर्जा खत्म होती है और जीवन पॉजिटिव होने लगता है।

  • जीवन में सफलता के लिए करें ध्यान
  • लाईफ में आती है पॉजिटिविटी
  • बढ़ती है निर्णय लेने की क्षमता

ये बात सरल है कि हमारे निर्णय ही भविष्य का निर्माण करते हैं। निर्णय के बाद ही दूसरा कदम कर्म करने का है। किसी भी लक्ष्य में सफल होने के लिए पूरी एकाग्रता और लगन से कर्म करने की आवश्यकता होती है। लेकिन, सबसे पहला कदम निर्णय लेना ही है। ज्यादातर लोगों को जीवन में सबसे ज्यादा परेशानी निर्णय लेने के दौरान होती है। जब भी जीवन में कभी एक महत्वपूर्ण निर्णय लेने का समय सामने आता है तो, अक्सर मन में डर के साथ तरह-तरह के विचार जन्म लेने लगते हैं। वहीं, ध्यान करने से आप इन विचारों को शांत करते हुए जीवन के महत्वपूर्ण निर्णय आसानी से ले सकते हैं।

सरल शब्द में ध्यान का अर्थ

ध्यान (Meditation) का अर्थ किसी भी एक चीज पर एकाग्र (Focus) करने से है। ध्यान बाहरी या फिर आंतरिक चीज जैसे मन, विचार और सांस आदि पर एकाग्र रहकर लगाया जाता है। किसी भी बाहरी और आंतरिक चीज पर ध्यान करते वक्त हमारे दिमाग में चल रहे विचार धीरे-धीरे खत्म होने लगते हैं। इससे हमारी एकाग्रता में बढ़ती है। लेकिन, ये ध्यान का पहला कदम ही है। यहां मालूम हो कि ध्यान का सरल अर्थ एकाग्रता से तो है, लेकिन सनातन धर्म के अनुसार ध्यान एक ऐसा वृक्ष है जिसकी कई शाखाएं हैं। किसी चीज पर सिर्फ एकाग्रता बनाएं रखना “ध्यान” की एक शाखा मात्र है। लेकिन, ये शाखा जीवन को गहराई और सत्य के साथ जीने का तरीका बताती है।

ध्यान इस तरह लें अपने निर्णय

जीवन में महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले ऐसे विचार अक्सर आते हैं कि क्या मैं सही निर्णय ले रहा हूं? अगर ये गलत हुआ तो क्या होगा? क्या मुझे ये करना चाहिए या नहीं? अगर में हार गया तो क्या होगा?.. यही विचार निर्णय लेने से पहले हमारे ऊपर हावी हो जाते हैं। लेकिन, अगर हम ध्यान करते हैं तो हमारे विचार शांत होते है और विचारों में पॉजिटिविटी आने लगती है। ध्यान से हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है और मानसिक शक्ति में उन्नति होती है। बता दें कि ध्यान से आपके मन में  दिव्य शक्ति पर  विश्वास भी बढ़ जाता है। अंत में यही कि ध्यान पॉजिटिव सोच के साथ निर्णय लेने पर परिणाम अक्सर पॉजिटिव ही आते हैं।

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Mudit Goswami

मुदित गोस्वामी, प्रयागराज से ताल्लुक रखते हैं. Delhi university से पत्रकारिता की डिग्री प्राप्त कर Paigam.Network जैसी संगठन के साथ बतौर रिसर्चर और कॉन्टेक्ट राइटर काम कर चुके हैं. पत्रकारिता जगत में 3 से अधिक सालों के अनुभव के साथ इंडिया न्यूज़ में पॉलिटिक्स और धर्म से जुड़ी खबरें/स्टोरी लिखना पसंद करते हैं.

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