इंडिया न्यूज, तिरुवनंतपुरम, (More Than 120 Flights Landed) : श्रीलंका में बुधवार को आपातकाल की घोषणा कर दी गई। यह घोषणा राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के सेना के एक विमान से देश छोड़कर मालदीव जाने के बाद की गई। देश की संवेदनशील स्थिति को देखते हुए श्रीलंका जाने वाली करीब 120 से ज्यादा फ्लाइट भारत के केरल में उतरी हैं।
सिंधिया ने की है त्रिवेंद्रम और कोच्चि हवाई अड्डे की सराहना
केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने संकटग्रस्त राष्ट्र की मदद के लिए त्रिवेंद्रम और कोच्चि हवाई अड्डे की सराहना की है। सिंधिया ने एक ट्वीट में कहा कि इन एयरपोर्ट ने ड्यूटी से परे जाकर श्रीलंका से आने वाली 120 से अधिक फ्लाइट को टेक्निकल लैंडिंग की इजाजत दी है। यह व्यवहार पड़ोसी के साथ संबंधों को आगे बढ़ाने में मददगार साबित होगा। इस बीच भारत ने कहा है कि श्रीलंका में स्थिति बेहद संवेदनशील है और वह इस जरूरत के समय द्वीप राष्ट्र की मदद करने के तरीकों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
अर्थव्यवस्था को न संभाल पाने के कारण यह स्थिति बनी
राजपक्षे देश की अर्थव्यवस्था को न संभाल पाने के कारण अपने और अपने परिवार के खिलाफ बढ़ते जन आक्रोश के बीच देश छोड़कर चले गए हैं। उसके बाद से श्रीलंका में विरोध प्रदर्शन उग्र हो गए हैं। प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री के आवास पर भी कब्जा कर लिया था। प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को श्रीलंका का कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया है।
देश के लोकतंत्र को फासीवाद से है खतरा
रानिल विक्रमसिंघे ने बुधवार को कहा कि देश के लोकतंत्र को फासीवाद से खतरा है। उन्होंने अपने कार्यालय में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों के धावा बोलने के कुछ घंटे बाद सामान्य स्थिति बहाल करने तथा सरकारी संपत्ति को बचाने का संकल्प व्यक्त किया।
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