India News (इंडिया न्यूज), Manoj Manu, MP Election: केंद्र में विपक्षी दलों का गणबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्ल्युसिव एलायंस ‘इंडिया’ बनने के कुछ ही दिनों बाद विधानसभा चुनावों में सीटों को लेकर इस गठबंधन में शामिल दलों के बीच खींचतान सामने आ गई है। आम आदमी पार्टी ने मध्य प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से प्रदेश की 230 सीटों में अपना हिस्सा मांगा है। आम आदमी पार्टी द्वारा प्रदेश की करीब 50 सीटों पर अपना दावा ठोंक दिए जाने के बाद कांग्रेस के लिए टिकट वितरण का काम पेचीदा हो चला है। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी जहां कई दिन पहले 39 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी कर चुकी है और दूसरी सूची जारी करने की तैयारी कर रही है, वहीं कांग्रेस अब तक अपने उम्मीदवारों की पहली सूची भी जारी नहीं कर पाई है। इसकी एक वजह आम आदमी पार्टी का आंखें दिखाना भी है।
आप नेताओं का दावा है कि कांग्रेस अगर सीटों के बंटवारे पर राजी नहीं होती है तो ना केवल पूरे प्रदेश में आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ेगी, बल्कि ग्वालियर-चंबल और रीवा संभाग में 15 से ज्यादा सीटों पर जीत भी दर्ज करेगी। कांग्रेस को ये विश्वास है कि वो प्रदेश में 2018 की तरह सत्ता में वापसी करेगी। इसलिए इन तीनों राज्यों की लगभग सभी सीटों पर वह अपने प्रत्याशी उतारने की तैयारी कर रही थी, लेकिन आम आदमी पार्टी सहित इंडिया गठबंधन में जुड़े कुछ अन्य क्षेत्रीय दलों की ओर से सीटों के बंटवारे की मांग उठने के बाद कांग्रेस नेतृत्व के समक्ष मुश्किल खड़ी हो गई है। आम आदमी पार्टी के मध्य प्रदेश के नेताओं और रणनीतिकारों का कहना है कि पार्टी का नगर निगम चुनाव में प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा है। पार्टी ने इन चुनावों में मध्य प्रदेश के विंध्य क्षेत्र रीवा संभाग और ग्वालियर-चंबल संभाग में अच्छा प्रदर्शन किया था।
एक नगर निगम पर कब्जा भी जमाया था। इसलिए पार्टी को इन दोनों संभागों में कांग्रेस पर सीटों के बंटवारे के लिए दबाव बना रही है। इसके अलावा आम आदमी पार्टी को यह भी भरोसा है कि इंदौर, भोपाल, जबलपुर जैसे बड़े शहरों में भी मतदाताओं का खासा समर्थन मिल सकता है। इसलिए मालवा-निमाड़, महाकौशल और मध्य भारत में भी वह कांग्रेस से सीटें मांगेंगी। हालांकि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों के पदाधिकारी इस मामले में कुछ भी खुलकर बोलने से बच रहे हैं। जब टिकट बंटवारे की बात आती है, तो कहा जाता है कि हमारा लक्ष्य एक ही है मध्य प्रदेश में भाजपा को सत्ता में आने से रोकना, बाकी हम आपसी मुद्दों को वक्त आने पर मिल बैठकर हल कर लेंगे।
जानकारी के अनुसार बताया जाता है कि इंडिया गठबंधन की जो केंद्रीय बैठक गत दिनों हुई थी, उसमें भी आम आदमी पार्टी की ओर से मध्यप्रदेश सहित जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं, वहां सीटों के बंटवारे का मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया था। इस मुद्दे के उठने के बाद टिकट वितरण को लेकर कांग्रेस को बैकफुट पर आना पड़ा है।
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