India News (इंडिया न्यूज), Mandla Niwas Vidhan Sabha Seat: मध्य प्रदेश में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी मुख्य रूप से आदिवासी सीटों पर फोकस कर रही है। मंडला जिले की निवास विधानसभा सीट आदिवासियों के लिए आरक्षित है और यहां बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री और सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते को उम्मीदवार बनाया है। बता दें कि वैसे तो यह सीट बीजेपी का गढ़ बनती जा रही थी, जहां फग्गन के भाई राम प्यारे कुलस्ते तीन बार चुनाव जीते थे, लेकिन 2018 में यहां पर बड़ा उलटफेर हो गया और कांग्रेस के डॉ. अशोक मर्सकोले ने राम प्यारे को हरा दिया। अब बीजेपी ने इस सीट को वापस लेने के लिए फग्गन सिंह कुलस्ते को यहां से मैदान में उतारा है, तो आइए यहां की पूरी सियासी फेरबदल को समझते हैं…
निवास विधानसभा सीट से केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को मैदान में उतारने का बीजेपी का फैसला महाकौशल क्षेत्र में आदिवासी मतदाताओं को साधने की रणनीति का हिस्सा है। गौरतलब है कि 2018 के विधानसभा चुनावों में, भाजपा ने 84 आदिवासी-बहुल सीटों में से केवल 34 सीटें जीतीं, जो 2013 में उनके पिछले प्रदर्शन से कम थी, जब उन्होंने 59 आदिवासी-बहुल सीटें जीती थीं, 2018 में पार्टी को 25 सीटों का नुकसान हुआ था।
निवास विधानसभा सीट के पिछले चार चुनावों की बात करें तो यहां पर बीजेपी को ज्यादा सफलता मिली है। 2003 के चुनाव में, BJP के रामप्यारे कुलस्ते 28,094 वोट हासिल करके 803 वोटों के मामूली अंतर से विजयी हुए, जबकि जीजीपी के दयाल सिंह तुमराची 27,291 वोटों से हार गए थे। 2008 में, BJP के रामप्यारे कुलस्ते ने अपनी सीट बरकरार रखी, लेकिन उन्हें कांग्रेस के पतिराम पंड्रो से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा, और इस बार भी वो 3,649 वोटों के छोटे अंतर से जीते।
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इसके बाद 2013 के चुनाव में भी BJP का दबदबा कायम रहा, जिसमें रामप्यारे कुलस्ते को कांग्रेस के पतिराम पंड्रो से 6 प्रतिशत अधिक वोट मिले। हालांकि, सबसे महत्वपूर्ण बदलाव 2018 के चुनाव में हुआ जब कांग्रेस के डॉ. अशोक मर्सकोले ने रामप्यारे कुलस्ते को 15 प्रतिशत वोटों के बड़े अंतर से हराया था।
निवास विधानसभा सीट पर भाजपा और कांग्रेस के प्रदर्शन की बात करें तो 2013, 2008 और 2003 में बीजेपी का दबदबा देखने को मिला। जब रामप्यारे कुलस्ते ने लगातार जीत हासिल की। हालांकि, 2018 में कांग्रेस उम्मीदवार डॉ. अशोक मर्सकोले ने बड़े अंतर से सीट कांग्रेस को दिला दी। इससे पहले, कांग्रेस ने 1998 और 1993 में इस सीट पर कब्जा किया था। वहीं, इस सीट से 2023 से मैदान पर उतारे गए फग्गन सिंह कुलस्ते 1990 में जीत हासिल की थी।
2018 – डॉ. अशोक मर्सकोले (कांग्रेस)
2013 – रामप्यारे कुलस्ते (BJP)
2008 – रामप्यारे कुलस्ते (BJP)
2003 – रामप्यारे कुलस्ते (BJP)
1998 – सुरता सिंह मरावी (कांग्रेस)
1993 – दयाल सिंह तुमराची (कांग्रेस)
1990 – फग्गन सिंह कुलस्ते (BJP)
1985 – दयालसिंह तुमराची (कांग्रेस)
1980 – दलपत सिंह उइके (कांग्रेस(आई)
1977 – रूप सिंह (जेएनपी)
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