India News (इंडिया न्युज) दमोह/मध्य प्रदेश : फ़िल्म पुष्पा तो आपने शायद आप सभी ने देखी ही होगी। जिसमें चंदन तशकर कैसे बेशकीमती लकड़ी की तश्करी पानी के सहारे करते हैं, ये फिल्मी सीन थे लेकिन एमपी के दमोह में ये सब हकीकत में हो रहा है। जहां जंगल से गुजरने वाली नदियों के बहते पानी से कीमती सागौन की लकड़ी की तश्करी की जा रही हैं। वन विभाग ने रविवार की देर शाम को इस तश्करी का जब सामना किया तो विभाग के होश उड़ गऐ।

भारी बरसात बनी जंगल माफिया के लिए वरदान

मौजुदा समय में इलाके में भारी बरसात हो रही है और तमाम नदी नाले उफान पर हैं। इस बारिश से आम आदमी को काफी परेशानी का सामना करनी पड़ रहा है, लेकिन जंगल माफिया के लिए बहती नदियां वरदान साबित हो रही हैं। जिले के सगौनी फारेस्ट रेंज से व्यारमा नदी होकर गुजरती है इस रेंज के बरहट घाट पर लोगों ने कुछ लकड़ी बहती देखी तो इसकी सूचना फारेस्ट विभाग को दी।

वन विभाग ने सूचना को गंभीरता से लिया और जांच के लिए पहुचे तो बहते पानी मे इमारती लकड़ी भी बहती दिखी। विभाग की टीम ने नदी के पानी मे बहती लकड़ियां को जैसे तैसे निकालना शुरू किया तो देखा की ये लकड़ियां सागौन की थी। सागौन कीमती इमारती लकड़ी होती है।

वन विभाग ने बरामद की लाखों की कीमत लकड़ियां

विभाग के अधिकरियो को समझ आ गया था कि लकड़ी चोरों ने जंगल से लकड़ी काट कर उन्हें गाड़ियों से परिवहन न कर के नदी के सहारे से ले जाया जा रहा है। शाम से शुरू हुए नदी ऑपरेशन में रात भर वन विभाग की टीम नदी में लकड़ियां पकड़ती रही और अब तक लाखो की लकड़ी बरामद की जा चुकि है।

वन विभाग के डीएफओ महेंद्र सिंह ऊइके के मुताबिक बड़ी तादात में लकड़ी बरामद हुई है जिसको सगौनी रेंज में रखा गया है। लकड़ी की कीमत लाखों में है और अभी और भी लकड़ी बह कर आने की उम्मीद की जा रही है। लिहाजा नदी के आसपास स्टाफ तैनात किऐ गऐ है। ऊइके बताते हैं लकड़ी तश्करी का ये तरीका पुराना है लेकिन आम लोगों को पुष्पा फ़िल्म के बाद ये तरीका समझ आया ,दमोह जिले में लंबे समय बाद तशकरो ने ये तरीका अपनाया है जो चिंता का विषय जरूर है।

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