Neend me bolne ki bimari ke karan नींद में बोलते हुए आपने भी कई बार अपने घर में या बाहर किसी को नींद में बोलते हुए सुना ही होगा। हर घर में कोई न कोई इस समस्या से पीड़ित है। इस परेशानी कभी हलके में न लें। आगे चलकर से परेशानी भरी भी हो सकती है। यह स्लीपिंग डिसआॅर्डर की परेशानी बन सकती है।
क्या है कारण नींद में बड़बड़ाने का (Neend me bolne ki bimari ke karan )
जो लोग नींद में बड़बड़ाने लगते हैं वो स्लीपिंग डिसआर्डर से ग्रस्त होते हैं। ये लोग नींद-नींद में ही अपने आप से ही बातें करने लगते हैं जो कि किसी को समझ नहीं आती है। ऐसी समस्या को ज्यादा छोटे बच्चों और बूढ़ों में ज्यादा देखने को मिलती हैं। इस परेशानी को पैरासोमनिया भी कहा जाता है।
क्या हो सकते हैं इसके कारण (Neend me bolne ki bimari ke karan)
जो व्यक्ति अपने बदलते लाइफस्टाइल, गलत खान-पान, तनाव, अत्यधिक काम का बोझ, शारीरिक थकावट, सोने का सही टाइम न होना इस सब कारणों से कई बार लोग नींद नींद में बोलने लग जाते हैं।
कुछ आदतों में करें बदलाव (Neend me bolne ki bimari ke karan )
नींद में बोलने की समस्या से निजात पाने के लिए नियमित आदतों में बदलाव लाना होगा। तभी इस समस्या से छुटकारा मिल सकेगा।
सबसे पहले तनाव मुक्त रहने का प्रयास करें अगर कोई समस्या या परेशानी है तो उसे दोस्तों या घरवालों के साथ सांझा करें और उसका निवारण करें। पीठ के बल सोने से, खाने-पीने में बदलाव लाने से भी नींद में बड़बड़ाने की समस्या दूर हो सकती है।
(Neend me bolne ki bimari ke karan)