इंडिया न्यूज़ (Maharashtra): शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट ने पार्टी के चिन्ह के मामले में आज अपनी दलील पूरी कर ली। चुनाव आयोग अब इस मामले की सुनवाई 17 जनवरी को करेगा। शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट ने निर्वाचन आयोग के समक्ष अपने दल के असली शिवसेना होने का दावा किया। गुट ने 1971 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला भी दिया। शिंदे गुट ने दावा किया कि बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना वही हैं। ठाकरे गुट के वकील कपिल सिब्बल 17 जनवरी को आयोग के सामने अपनी दलीलें रखेंगे।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह शिवसेना के दोनों धड़ों की याचिकाओं पर 14 फरवरी को सुनवाई शुरू करेगा। इस पर महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता अजित पवार ने कहा कि अब ‘तारीख पर तारीख’ मिलेगी। अजित पवार ने कहा कि उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना अपने वकीलों के माध्यम से अपना पक्ष रख रही है। सुनवाई की तारीख और फैसले की तारीख तय करना शीर्ष अदालत का विशेषाधिकार है। अब उन्हें 14 फरवरी की अगली तारीख दी गई है।
उद्धव शिवसेना के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने कहा कि सुनवाई की तारीख 14 फरवरी यानी वेलेंटाइन्स डे की तारीख है, इसलिए सबकुछ प्यार के साथ होगा। 14 फरवरी से संविधान पीठ बिना किसी ब्रेक के मामले में सुनवाई करेगी। यह हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
शिवसेना के दोनों गुटों के बीच पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न को लेकर कानून जंग चल रही है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट के साथ-साथ निर्वाचन आयोग में लंबित है। इससे पहले इस मामले पर चुनाव आयोग ने दोनों गुटों की दलीलें सुनने के लिए पांच जनवरी की तारीख तय की थी।