India News (इंडिया न्यूज़), Anant Ambani and Radhika Merchant Wedding: देश के सबसे बड़े बिजनेसमैन मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के छोटे बेटे अनंत अंबानी की शादी देश ही नहीं बल्कि दुनिया में भी चर्चा का विषय बन गई है। अनंत अंबानी (Anant Ambani) और राधिका मर्चेंट (Radhika Merchant) की शादी की हर रस्म पारंपरिक और रीति-रिवाज से निभाई गई। बता दें कि अनंत और राधिका 12 जुलाई 2024 को शादी के बंधन में बंधे। इस शादी में भारतीय परंपरा को बेहद खूबसूरत तरीके से दिखाया गया और इस बीच एक चीज ने सबका ध्यान खींचा। वो चीज थी नीता अंबानी (Nita Ambani) के हाथ में नजर आई भगवान गणेश की मूर्ति।
बता दें कि अनंत और राधिका की शादी की सभी रस्मों में नीता अंबानी हाथ में गणपति जी की मूर्ति लेकर बेटे के साथ-साथ चल रही थीं। ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल है कि पूरी शादी के दौरान नीता अंबानी गणेश जी की मूर्ति क्यों लेकर चल रही थीं? तो यहां जानें इससे जुड़ा धार्मिक महत्व।
कौन हैं रमन दिवो?
अनंत राधिका की शादी में नीता अंबानी ने हाथ में गणेश जी की मूर्ति पकड़ी हुई थी। इस मूर्ति पर स्वास्तिक बनाया गया था और इस पर एक दीपक भी रखा गया था। यह गणेश जी की कोई साधारण मूर्ति नहीं थी, बल्कि इन्हें रमन दिवो कहा जाता हैं। यह गुजरात में की जाने वाली एक खास रस्म है, जिसे नीता अंबानी ने पूरे रीति-रिवाज के साथ निभाया। इस रस्म में दूल्हे की मां रमन की मूर्ति हाथ में लेकर चलती है और अपने बेटे के सुखी वैवाहिक जीवन की कामना करती है। रमन देवो में रखा गया दीपक नकारात्मकता को दूर रखता है।
बुरी नज़र से बचाती हैं रमन दिवो
रमन दिवो एक खास तरह की रस्म है, जिसे बेटे की मां निभाती है। इस रस्म के ज़रिए मां अपने बेटे को बुरी नज़र से बचाती है। ऐसा माना जाता है कि शादी के दौरान रमन दिवो को अपने साथ रखने से शादी समारोह में कोई व्यवधान नहीं आता और बुरी नज़र से भी बचाव होता है। नीता अंबानी ने भी अपने बेटे अनंत अंबानी को बुरी नज़र से बचाने के लिए यह रस्म निभाई थी।
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गणेश जी और रमण दिवो
सनातन धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूजनीय देवता का दर्जा दिया गया है और गुजरात में भगवान गणेश की मूर्ति को रमण देवी कहा जाता है। जिसमें गणेश जी की मूर्ति के साथ स्वास्तिक और दीपक रखा जाता है। शुभ और मांगलिक कार्यों में इन सभी आदतों को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि अगर भगवान गणेश के नाम से कोई भी काम शुरू किया जाए तो उसमें कोई बाधा नहीं आती है।