इंडिया न्यूज, पुणे :
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी अपने काम और बेबाक बयान के लिए जाने जाते हैं। भारतीय छात्र संसद के एक कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए उन्होंने नेताओं पर जमकर चुटकी ली। कहा कि बड़े-बड़े पोस्टर और कट-आउट लगवा कर कोई बड़ा नेता नहीं बन सकता। गडकरी ने छात्रों से अनुरोध किया कि वो शॉर्ट कट व पब्लिसिटी के पीछे न भागें और ऐसा करने से उन्हें नुकसान हो सकता है।
गडकरी ने कहा कि प्रचार और अपने कटआउट लगाने जैसे प्रयासों के पीछे मत भागो। मुझे समझ में नहीं आता कि लोग अपने जन्मदिन को प्रचारित करने के लिए शहरों और कस्बों में अपने कटआउट क्यों लगाते हैं। वे इस प्रचार के लिए अपनी जेब से खर्च करते हैं। क्या आपको लगता है कि आप कटआउट लगाकर, विज्ञापन छपवा करके बड़े नेता बन सकते हैं? क्या जयप्रकाश नारायण, जॉर्ज फर्नांडीस और अटल बिहारी वाजपेयी ने इन तरीकों का इस्तेमाल किया था? कृपया शॉर्टकट न लें क्योंकि शॉर्टकट आपको छोटा कर देगा।
काम की सराहना पर संतुष्टि
गडकरी ने खुद अपना उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे कोरोना महामारी के दौरान मदद करते समय लोग उनकी फोटो खींचते थे। गडकरी ने कहा कि उन्हें खुद ये सब देख कर बुरा लगा। उन्होंने कहा कि मुझे भी शुरू में फोटो खिंचवाना अच्छा लगा। लेकिन जल्द ही मुझे एहसास हुआ कि ये सब बेकार की चीजें हैं। बाद में मैंने फोटो क्लिक करने से मना कर दिया। मुझे और संतुष्टि तब मिली जब लोगों ने काम की सराहना की। अधिक समर्थन और प्रशंसा मिली। किसी भी तरह का प्रचार आपको उस स्तर की संतुष्टि नहीं दिलाएगा।
राजनीति के असली अर्थ को समझें
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता ने एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित 11वीं भारतीय छात्र संसद (छात्र संसद) में राजनीति सामाजिक-आर्थिक सुधारों का एक साधन है विषय पर संबोधन के दौरान यह बात कही। गडकरी ने कहा कि राजनीति को सत्ता करण (सत्ता की राजनीति) के रूप में माना जाता है, लेकिन ये राजनीति का सही अर्थ नहीं है। सत्ता की राजनीति करना राजनीति की अलग-अलग गतिविधियों में से एक है। राजनीति का सही अर्थ राष्ट्र करण (राष्ट्र निर्माण की राजनीति), समाज करण (सामाजिक राजनीति), विकास करण (विकास की राजनीति), धर्म करण (आध्यात्मिक खोज), अर्थ करण (आर्थिक समृद्धि) और सत्ता की राजनीति से कहीं अधिक लोकनीति (सार्वजनिक नीति) को महत्व देना है।
पार्टी बदलने से होता है नुकसान
भाजपा नेता ने कहा कि ये दुर्भाग्य है कि सत्ता हासिल करने के लिए की जाने वाली राजनीति को ही वास्तविक राजनीति माना जाता है। आज छत्रपति शिवाजी महाराज, संत तुकाराम, संत ज्ञानेश्वर महाराज, शाहू महाराज, वीर सावरकर, बाल गंगाधर तिलक, महात्मा गांधी जैसे महान लोगों को याद किया जाता है, लेकिन वे नेता जो एक पार्टी से दूसरी पार्टी में जाते हैं और वहां मुख्यमंत्री और मंत्री बनते हैं। जनता उन्हें लंबे समय तक याद नहीं रखती।