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Liquor ही नहीं ये खराब आदतें भी बनती है Fatty liver की वजह

Sunita • LAST UPDATED : September 13, 2021, 8:52 am IST

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली

आप भी उन लोगों में शामिल हैं जो यह समझते हैं कि शराब न पीने से वो कभी फैटी लीवर के शिकार नहीं हो सकते तो आप गलत हैं। जी हां आजकल तनाव और खान-पान की गलत आदतों की वजह से ज्यादातर लोग फैटी लीवर के शिकार हो रहे हैं। शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में लीवर अहम भूमिका निभाता है। शरीर के लिए प्रोटीन का निर्माण, पाचन के लिए पित्त का उप्तादन करना, पोषक तत्वों को ऊर्जा में बदलने के साथ प्रतिरक्षा कारकों को बनाने और बैक्टीरिया व विषाक्त पदार्थों को खून से निकालकर संक्रमण से लडने में भी लिवर मदद करता है। शरीर का इतना जरूरी अंग होने के बावजूद थोड़ी सी लापरवाही आपको फैटी लीवर का शिकार बना सकती है। ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि आखिर फैटी लीवर क्या है और इसके होने के पीछे क्या कारण और बचाव के उपाय हैं।

क्या है Fatty liver

फैटी लिवर का अर्थ है लिवर में अतिरिक्त फैट का जमा होना। जिसके बढ़ने पर यह लिवर फेलियर या लिवर सिरोसिस का कारण भी बन सकता है। फैटी लिवर की समस्या जिन भी लोगों में देखी जाती है, उन्हें अक्सर पेट से जुड़ी कोई ना कोई समस्या परेशान करती रहती है। उदाहरण-कई बार थोड़ा-सा खाने पर भी उन्हें लगता है जैसे उन्होंने ओवर ईटिंग कर ली हो वहीं कई बार अपनी डाइट से बहुत ज्यादा खाने पर भी उन्हें अपने पेट के भरे होने का अहसास नहीं होता है।

डॉक्टर अमरेंद्र झा कंसल्टेंट फिजिशियन इंटेंसिविस्ट के अनुसार नॉन- अल्कोहॉलिक फैटी लिवर उन लोगों को होता है जिनकी फिजिकल एक्टिविटी बेहद कम होती है या फिर उन्हें मेटाबॉलिक सिंड्रोम है। मेटाबॉलिक सिंड्रोम मतलब हाई ब्लड प्रेशर, हाई ब्लड शुगर, थायराइड का स्तर कम और कोलेस्ट्रॉल का स्तर असामान्य होना होता है। अगर इन बातों पर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो यह लीवर सिरोसिस का कारण भी बन सकता है। ऐसे में 35 साल या उससे अधिक उम्र के व्यक्तियों को साल में एक बार अल्ट्रासाउंड करवाकर अपने लीवर की जांच करवानी चाहिए।

Fatty liver के कारण

  • मोटापा या अधिक वजन होना
  • दवाओं का सेवन
  • जरूरत से ज्यादा शराब का सेवन
  • खराब डाइट
  • टाइप-2 डायबिटीज का होना
  • मेटाबॉलिज्म सिंड्रोम होने पर
  • अनुवांशिक
  • पोस्ट मेनोपॉज से गुजर रही महिला को
  • जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज या हाई कोलेस्ट्रॉल की शिकायत रहती है, उन्हें यह समस्या हो सकती है।
  • आब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया से ग्रसित लोगों को भी यह समस्या हो सकती है।

Fatty liver के लक्षण

  • जिन लोगों को फैटी लिवर की समस्या होती है, उन्हें अक्सर थकान बनी रहती है और शरीर में कमजोरी रहती है।
  • फैटी लिवर के रोगियों का वजन तेजी से घट सकता है और भूख कम हो जाती है। पेट में दर्द बना रह सकता है या अक्सर पेट दर्द की समस्या होने लगती है।
  • शरीर में पीलिया के लक्षण दिखने लगते हैं जैसे त्वचा का रंग और आंखों में पीलापन दिखने लगता है।

कितने तरह का होता है Fatty liver
फैटी लीवर दो तरह का होता है-एल्कोहॉलिक और नॉन-एल्कोहॉलिक। आइए जानते हैं क्या है इनमें फर्क-

Alcoholic Fatty liver

इस रोग के बारे में इसके नाम से ही पता चल जाता है। यह रोग जरूरत से ज्यादा शराब पीने से या फिर खराब गुणवत्ता वाली शराब पीने से होता है। जो लोग जरूरत से ज्यादा शराब पीते हैं, उनके लिवर में सिकुडन आ जाती है।

Non-Alcoholic Fatty liver

उन लोगों को होता है,जो भारी मात्रा में शराब तो नहीं पीते हैं लेकिन उन्हें ये जेनेटिक कारणों से या फिर गलत लाइफस्टाइल के कारण भी हो सकती है। कहा जाता है कि मोटाप और मधुमेह इस जोखिम को बढ़ा सकते हैं। ऐसे में अपनी जीवनशैली में बदलाव लाकर आप इस बीमारी को रोक सकते हैं।

Fatty liver से बचाव
  • शरब से परहेज करें
  • थायराइड और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखें
  • वजन घटाएं
  • डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए दवा लें
  • नियमित रूप से व्यायाम करें या फिर अपनी फिजिकल एक्टिविटी बढ़ाएं

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