इस्लामाबाद।(Pakistan Economic Crisis) हमारे पड़ोसी मुल्क में दो वक्त की रोटी जुटाने को मोहताज जनता और दैनिक जीवन में जरूरी पड़ने वाली सामानों की कमी से जूझती हुई नज़र आ रही है। जहां पर आटे का अकाल है तो वहीं रसोई गैस के नाम पर कई घरों में खाली पड़े हुए गैस के सिलेंडर हैं। ऐसे हैं पड़ोसी देश पाकिस्तान के हालात जिन्हें सुधारने की तमाम कोशिशें रास नहीं आ रही हैं। अब पाकिस्तानी रुपया में आई जोरदार गिरावट से उसकी बदहाल इकोनॉमी को बड़ा झटका लगा है।
पाकिस्तान में आर्थिक संकट कम होता नजर नहीं आ रहा है। कर्ज के बोझ तले दबे पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खत्म होने की कगार पर पहुंच गया है। पड़ोसी वैसे तो कई भारी संकटों से जूझ रहा है। जिनमें सामाजिक, राजनैतिक संकट प्रमुख तौर पर है परंतु उसमें अब आर्थिक संकट भी जुड़ गया है। उसे ये झटका पाकिस्तानी करेंसी गिरने के रूप में लगा है। दरअसल, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी करेंसी में जबरदस्त गिरावट आई है।
पाकिस्तानी रुपया हुआ ढेर
पाकिस्तानी रुपया बीते 25 जनवरी को 230 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। जबकि गुरुवार 26 जनवरी को बाजार खुलने के साथ ही इसमें और गिरावट आती गई और डॉलर के मुकाबले यह 255 रुपये तक टूट गया। दरअसल, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी करेंसी में जबरदस्त गिरावट आई है। अमेरिकी करेंसी के मुकाबले ये 255 तक गिर गया। यानी 1 अमेरिकी डॉलर की कीमत 255 पाकिस्तानी रुपया है।
पाकिस्तानी रुपया गिरने की बड़ी वजह
हर बीते दिन के साथ पाकिस्तान पर संकट बढ़ता ही जा रहा है। दूसरे देशों और और इंटरनेशनल एजेंसियों के आगे कटोरा थामे पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से राहत पैकेज की अगली किस्त को लेकर उसकी कठिन शर्तों को मानने के लिए राजी हो गया है। इसे ही गिरावट का प्रमुख कारण माना जा रहा है।
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