इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Pattern Leave: अपने देश में पैटर्निटी लीव (पितृ अवकाश) का चलन बहुत कम है। इस लीव में पुरुषों को आफिस से छुट्टी मिलती है और सैलरी नहीं काटी जाती है। वहीं डिलीवरी के लिए महिलाओं को छह महीने की मैटरनिटी लीव मिलती है। डिलीवरी के बाद पत्नी और बच्चे की देखभाल के लिए पुरुषों को Pattern Leave की जरूरत होती है। डिलीवरी तारीख से 15 दिन पहले या छह माह के अंदर पुरुष पैटर्निटी लीव ले सकते हैं। तो आइए जानते हैं पुरुषों के लिए भी पैटर्निटी लीव लेने के क्या फायदे हैं।

यूनाइटेड नेशंस चिल्ड्रेंस फंड (यूनिसेफ) के आंकड़ों अनुसार, भारत में प्रतिदिन 67 हजार 385 बच्चों का जन्म होता है और हर दिन इतने ही लोग पिता बनते हैं। ये संख्या पूरे विश्व में बच्चों के जन्म का छठा भाग है। हालांकि हर एक मिनट में पैदा हुए बच्चों में से एक की मृत्यु हो जाती है।

क्या बच्चे के जन्म के समय पिता को छुट्टी जरूरी है? (Pattern Leave)

  • कहते हैं कि गर्भ में पलने वाला बच्चा माता का अंश होता है इसलिए वह जन्म के तुरंत बाद से ही अपनी माता को पहचानने लगता है। माता के साथ उसकी बॉन्डिंग आसानी से बन जाती है। पिता के लिए यह काम थोड़ा मुश्किल भरा होता है। यही वजह है कि कई बार बच्चा जन्म के बाद पिता को देखकर रोने भी लगता है।
  • मां के साथ पिता को भी डिलीवरी से जुड़ी जरूरी जानकारी होनी चाहिए। आप बच्चे की मां के पेट पर हाथ रखकर बच्चे को कोई कहानी या गाना सुना सकते हैं। रिसर्च में पता चला है कि बच्चा पेट में रहने के दौरान जो धुन सुनता है, पैदा होने के बाद उसी धुन के सुनने पर पॉजिटिव रिस्पॉन्स करता है।
  • डिलीवरी के 26वें से 32वें हफ्ते के बीच जब होने वाली मां अल्ट्रासाउंड के लिए जा रही है, तब पिता भी साथ जाएं। इस दौरान अल्ट्रासाउंड की पिक्चर देखकर पिता बच्चे की एक छवि बना सकता है। आज के समय में 4डी स्कैन काफी चर्चा में है। आप बच्चे की स्कैन फोटो को ले सकते हैं। आप चाहें तो स्कैन को वॉलपेपर के रूप में या मोबाइल सेवर में भी लगा सकते हैं।

What are the benefits of pattern leave

इमोशल सपोर्ट मिलता है: 23 सप्ताह के बाद गर्भ में पल रहे बच्चे की सुनने की क्षमता डेवलप हो जाती है। जब माता को लगे कि बच्चा पेट में किक मार रहा है तो उस दौरान पिता को भी बच्चे से बातचीत करना शुरू कर देना चाहिए। ऐसे में बच्चा आपकी बात नहीं समझ रहा, लेकिन वह आपकी आवाज जरूर पहचानने लगता है जिससे बच्चे को इमोशल सपोर्ट मिलता है।

चेहरा पहचानने में मदद मिलती: जन्मे हुए बच्चे की नजर धुंधली होती है। अगर पिता बच्चे के पास होता है तो लगभग दो सप्ताह के बाद बच्चा चेहरा पहचानने लगता है।

पार्टनर के साथ रिश्ते मजबूत होते हैं: पुरूष पैटर्निटी लीव के दौरान अपनी पत्नी के अच्छे से देखभाल कर सकते हैं। वहीं घर के कामों में हाथ भी बटा सकते हैं। एक दूसरे की मदद करने से आपके रिश्ते मजबूत होते हैं।

फिजिकल सपोर्ट मिलता: डिलीवरी के बाद महिला का शरीर काफी कमजोर हो जाता है। पैटर्निटी लीव जब पुरूष लेता है तो महिला में हिम्मत बनी रहती है। पिता का बच्चे के साथ फिजिकल कॉन्टैक्ट होता है। जैसे-बच्चे को गोद लेना, चुप कराना और खाना खिलाना आदि।

देश में Pattern Leave पर क्या नियम हैं?

  • केंद्र सरकार के पुरूष कर्मचारी 15 दिनों तक का पैटर्निटी लीव ले सकते हैं। प्राइवेट कंपनी के कर्मचारी के लिए कोई नियम तय नहीं होता है। मीशो, फ्लिपकार्ट, रेजरपे और ओकेक्रेडिट जैसी कुछ कंपनियां पैटर्निटी लीव दे रही हैं।
  • आपको बता दें कि मेघालय में सात दिन पहले या बच्चे की डिलीवरी तारीख से छह माह के अंदर पुरुष पैटर्निटी लीव ले सकते हैं। बाकि राज्यों में 15 दिन पहले या बच्चे की डिलीवरी तारीख से छह माह के अंदर लीव ले सकते हैं।

देश के किन राज्यों में मिलती है Pattern Leave?

दिल्ली, आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, मेघालय, राजस्थान, महाराष्टÑ, बिहार और झारखंड में पुरुषों को पैटर्निटी लीव मिलती है।

Pattern Leave

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