वेद प्रताप वैदिक
वरिष्ठ पत्रकार व राजनीतिक विश्लेषक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिसे ह्यआयुष्मान भारत डिजिटल मिशनह्ण कहकर शुरू किया है, उसे मैं हिंदी में ह्यइलाज-पत्रह्ण कहता हूं। भारत सरकार की इस पहल का स्वागत इस रफ्तार से होना चाहिए कि यह कोरोना के टीके से भी जल्दी सबके हाथों तक पहुंच जाए। अभी तो होता यह है कि कोई भी मरीज अपनी तबीयत बिगड़ने पर किसी अस्पताल या डॉक्टर के पास जाता है तो दवाई देने के पहले डॉक्टर उसके स्वास्थ्य का पूरा इतिहास पूछता है। जरूरी नहीं है कि मरीज को याद रहे कि उसे कब, क्या तकलीफ हुई थी और उस समय डॉक्टर ने उसे क्या दवा दी थी। अब जबकि यह इलाज-पत्र उसके जेबी फोन में पूरी तरह से भरा हुआ मिलेगा तो मरीज तुरंत वह डॉक्टर को दिखा देगा और उसको देखकर डॉक्टर उसे दवा दे देगा।
जरूरी नहीं है कि मरीज और डॉक्टर आमने-सामने बैठकर बात करें और अपना समय खराब करें। यह सारी पूछ-परख का काम घर बैठे-बैठे मिनटों में निपट जाएगा। अस्पताल और डॉक्टरों के यहां भीड़-भड़क्का भी बहुत कम हो जाएगा। चिकित्सा के धंधे में ठगी का जो बोलबाला है, वह भी घटेगा क्योंकि उस ह्यइलाज-पत्रह्ण में हर चीज अंकित रहेगी। दवा-कंपनियों के साथ प्राय: डॉक्टरों की सांठगांठ के किस्से भी सुनने में आते हैं।
इन कंपनियों से पैसे लेकर या कमीशन खाकर कुछ डॉक्टर और दवा-विक्रेता मरीजों को नकली या बेमतलब दवाएं खरीदने को मजबूर कर देते हैं। अब क्योंकि हर दवा का इस ह्यइलाज-पत्रह्ण में नाम और मूल्य दर्ज रहेगा इसलिए फर्जी इलाज और लूटपाट से मरीजों की रक्षा होगी। भारत में इलाज इतना महंगा और मुश्किल है कि बीमारी से वह ज्यादा जानलेवा बन जाता है। एक मरीज तो जाता ही है, उसके कई घरवाले जीते जी मृतप्राय: हो जाते हैं। उनकी जमीन-जायदाद बिक जाती है और वे कर्ज के कुएं में डूब जाते हैं। ऐसा नहीं है कि भारत की स्वास्थ्य-व्यवस्था में यह ह्यइलाज-पत्रह्ण क्रांति कर देगा लेकिन उसमें कुछ महत्वपूर्ण सुधार जरूर करेगा। देश की स्वास्थ्य-सेवाओं में समग्र सुधार के लिए बहुत से बुनियादी कदम उठाए जाने की जरूरत अभी भी ज्यों की त्यों बनी हुई है। यदि भारत की परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों में नए अनुसंधान को बढ़ाया जाए तो निश्चिय ही वे एलोपैथी से अधिक प्रभावशाली और सस्ती सिद्ध होंगी। इसका अर्थ यह नहीं कि हम एलोपैथी के फायदे उठाने में चूक जाएं। मेरा अभिप्राय सिर्फ यही है कि भारत के 140 करोड़ लोगों को समुचित चिकित्सा और शिक्षा लगभग उसी तरह उपलब्ध हो, जैसे हवा और रोशनी उपलब्ध होती है। यदि ऐसा हो सके तो भारत को कुछ ही समय में संपन्न, शक्तिशाली और खुशहाल होने से कोई रोक नहीं सकता।
Read More : पंजाब में जारी उथल-पुथल के बीच जेपी नड्डा ने की अमित शाह से मुलाकात
India News(इंडिया न्यूज़),Jhansi: शुक्रवार शाम घर से सब्जी लेने निकली महिला को कार चलाना सीख…
India News (इंडिया न्यूज)UP Weather: UP में पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने और पंजाब में…
India News (इंडिया न्यूज),Himachal Snowfall: सोलंगनाला में बर्फबारी के बीच पर्यटकों ने दिनभर मस्तियां की,…
India News (इंडिया न्यूज),Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ का हर बच्चा अब गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों…
India News (इंडिया न्यूज),Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के भानुप्रतापपुर में शुक्रवार (27 दिसंबर) को बड़ा हादसा…
India News (इंडिया न्यूज)Sirohi News:साल 2024 अब जाने वाला है, और 2025 आने वाला है,…