India News (इंडिया न्यूज), Rajasthan Election 2023: राजस्थान में जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे है। सीटों को लेकर खेल राजनीतिक दलों का खेल तेज हो गया है। राजस्थान की ऐसी कई सीटें हैं जहां मुकाबला काफी दिलचस्प होने के आसार हैं। इस सीटों एक सीट नागौर की डीडवाना विधानसभा है। उम्मीद की जा रही थी कि बीजेपी यहां से यूनुस खान को टिकट दे सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के करीबी माने जाने वाले यूनुस खान ने निर्दलीय ही चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया है।

यूनुस खान एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि हर राजनीतिक दल में एक सिस्टम होता है इसमें वे अपने विवेक से उम्मीदवार का चयन करते हैं। जब बीजेपी ने डीडवाना में अपना प्रत्याशी चुना तो उन्होंने अपने विवेक से फैसला लिया, इसका मैं स्वागत करता हूं।

बीजेपी पर क्या बोले?

उन्होंने कहा कि बीजेपी ने मेरा टिकट काटा, मुझे इस पर नाराजगी नहीं है। सवाल ये पैदा होता है कि जनभावना जो है जनमानस उसका क्या विचार है, क्योंकि सबसे बड़ा फैसला करने वाला परमात्मा है। उसके बाद दल हैं, लेकिन मेरी नजर में सबसे बड़ी जनता है। जो अभी जनप्रतिनिधि हैं। उन्होंने कानून को कब्जे में लेकर जनता के साथ जो अत्याचार किया है उसका अंत करने के लिए जनता ने खुद अब तय कर लिया है।

“जनता क्या सोचती है ये मतपेटी में एक्सप्रेस करेगी”

यूनुस खान ने आगे कहा कि ये चुनाव मैं नहीं लड़ रहा ये चुनाव डीडवाना की जनता यहां के मान, सम्मान और स्वाभिमान के लिए जनता खुद लड़ रही है। जनता के दिल में क्या तकलीफ है, यहां की जनता 25 नवंबर अपने दिल का भाव, जनता क्या सोचती है ये मतपेटी में एक्सप्रेस करेगी। इसके बाद जब तीन दिसंबर को जब परिणाम आएंगे तो पता चलेगा कि जनता क्यो सोचती है, किसकी गलती थी, पार्टी क्या सोच रही थी। ये तो जनता ही तय करेगी।

राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए 25 नवंबर को मतदान होने जा रहा है। वहीं इस बार ऐसी कई सीटें हैं जहां मुकाबला काफी दिलचस्प होने के आसार हैं। इन्हीं में से एक सीट नागौर की डीडवाना विधानसभा सीट है। इस सीट पर पहले ये उम्मीद की जा रही थी कि बीजेपी यहां से यूनुस खान को टिकट दे सकती है, हालांकि ऐसा नहीं हुआ। वहीं अब पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के करीबियों में गिने जाने वाले यूनुस खान ने निर्दलीय ही चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया है। आइए जानते हैं टिकट कटने के बाद उन्होंने क्या कुछ कहा।

क्या कहते हैं आकड़े

डीडवाना के चुनावी आंकड़ों पर नजर डालें तो 1998 के बाद इस सीट से ऐसा नहीं हुआ कि कोई प्रत्याशी लगातार दो बार चुनाव जीता हो। डीडवाना में ैसाल 1998 में कांग्रेस ने चुनाव जीता तो, वहीं 2003 में यहां की सीट बीजेपी के खाते में आई थी। इसके अलावा 2013 में फिर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी, साल 2018 में एक बार फिर इस सीट पर कांग्रेस ने जीत ली। अब देखना होगा कि ये इस सीट पर किसका कब्जा होता है।

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