इंडिया न्यूज़ (दिल्ली, rajendra and kamal story): जब-जब कोई मुश्किल समय आता है। तब पूरी दुनिया में हमें ऐसे जगहों पर दो तरह के लोग मिलते है। एक जो हमारी मदद करते है। दूसरे जो उस मुसीबत का फ़ायदा उठाते है। ऐसा कुछ सोमवार 12 सितम्बर को हुआ, जब दिल्ली मेट्रो की येलो लाइन पर मेट्रो सेवा बाधित रही। येलो लाइन पर सुल्तानपुर से घिटोरनी के बीच मेट्रो चार घंटे पूरी तरह बंद रही वही समयपुर बदली से सुल्तानपुर के भेज मेट्रो काफी धीरे-धीरे चल रही थी.

कमल ने पूरी घटना को ट्विटर पर शेयर किया

12 सितम्बर को दिल्ली मेट्रो की तरफ से सुबह सात बजे अचानक ऐलान किया की सुल्तानपुर से घिटोरनी के बीच मेट्रो सुविधा उपलब्ध नही है। हालांकि मेट्रो ने इसका कोई कारण नही बताया, अचानक हुई ऐलान के बाद सैकड़ो लोग मेट्रो स्टेशनों पर फंस गए। खासकर दिल्ली से गुरुग्राम जाने वाले यात्री, तब ऑटो और कैब चालकों ने लोगों ने मनमर्जी किराया लेना शुरू कर दिया। कैब चालक पांच किलोमीटर के 1500 रुपये तक लोगों से ले रहे थे.

एक घंटे तक किसी ने नही की मदद

इन फंसे हुई लोगों में से एक थे कमल। कमाल ने दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास में मास्टर्स की पढाई की है। वह सुल्तानपुर मेट्रो स्टेशन पर फंस गए थे। कमल को गुरुग्राम जाना था। करीब एक घंटे तक वह लोगों से मदद मांगते रहे लेकिन किसी ने मदद नही की। कैब चालक हुडा सिटी सेंटर तक के 1500 रुपये मांग रहे थे। तभी कमल को राजेंद्र नाम के एक व्यक्ति मिले जो पेशे से प्लंबर का काम करते है।

राजेंद्र अपनी साइकिल से कापसहेड़ा बॉर्डर की तरफ जा रहे थे। कमल ने राजेंद्र से लिफ्ट देने का अनुरोध किया जिसे राजेंद्र ने तुरंत स्वीकार कर लिया। सुल्तानपुर से गुरुग्राम के गुरु द्रोणाचार्य तक करीब सात किलोमीटर तक कमल ने राजेंद्र की साइकिल पर सफर किया। इस दौरान कड़ी धुप में राजेंद्र आराम से साइकिल चलाते रहे, कमल ने थोड़ी देर के लिए साइकिल चलाने का अनुरोध भी किया, तब राजेंद्र ने जवाब दिया “आप चलाओगे तो पैर में दर्द हो जाएगा, मुझे आदत है चलाने की”

उन्होंने कमल को बताया की वह करीब 60 किलोमीटर साइकिल रोज चलाते है। कमल ने पूरी घटना का वीडियो अपने सोशल मीडिया पर शेयर किया इसके बाद लोग राजेंद्र की काफी तारीफ कर रहे है.