नई दिल्ली: देश में महंगाई से आम जनता परेशान है. खाने क़ी चीजों से लेकर पहनने तक सब कुछ दिन ब दिन महंगा होता जा रहा है. ऐसे में लोग चीजों को मैनेज करने के लिए EMI लोन का सहारा ले रहे थे, लेकिन अब यहां भी उन्हें और बड़ा झटका लगा है.आरबीआई की तीन दिवसीय मौद्रिक नीति समिति के फैसलों की घोषणा आज हो गई. भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज मौद्रिक नीति समिति के नतीजों का ऐलान करते हुए बताया कि रेपो रेट में 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी की गयी है. रेपो रेट में बढ़ोतरी के बाद 6.25 फीसदी पर आ चुका है. शक्तिकांत दास ने बताया कि एमपीसी के 6 सदस्यों में से 5 ने बहुमत से रेपो रेट को बढ़ाने का पक्ष लिया और इसके बाद आरबीआई ने रेपो रेट में 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी करने का फैसला लिया है. आरबीआई ने लगातार पांचवीं बार ब्याज दरों में इजाफा कर दिया है.
भारत की अर्थव्यवस्था अभी भी सबसे तेजी से बढ़ने वाली इकोनॉमी बनी रहेगी: शक्तिकांत दास
रेपो रेट बढ़ जाने से बैंकों के कर्ज की दरें बढ़ जाती हैं जिसका सीधा असर ग्राहकों की जेब पर आ जाता है. शक्तिकांत दास ने आज समिति के फैसलों की घोषणा करते हुए कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था अभी भी सबसे तेजी से बढ़ने वाली इकोनॉमी बनी रहेगी और भारत के मैक्रो इकोनॉमिक फंडामेंटल मजबूत हैं.
रेपो रेट में 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी के बाद रेपो रेट 6.25 फीसदी पर पहुंचा
आपको बता दें कि रिजर्व बैंक अपनी पिछली तीन मौद्रिक नीति समिति की बैठक में कुल मिलाकर 1.90 फीसदी का रेपो रेट में इजाफा कर चुका है. आज से पहले रेपो रेट 5.90 फीसदी पर था जो अब बदल गया है. आज रेपो रेट में 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी के बाद रेपो रेट 6.25 फीसदी पर आ चुका है. यानि सीधा असर भी अब साफ नज़र आ रहा है. अब किसी भी चीज़ का ईएमआई कराने वालों को ब्याज और भी ज़्यादा बढ़ा कर देना होगा।जनता महंगाई से परेशान है, लेकिन इसमें कमी करने क़ी जगह बढ़ोतरी हो रही है.आगे इस ऐलान के बाद कितना असर होगा ये तो आपको ईएमआई के बाद ही पता लगेगा