इंडिया न्यूज़ (दिल्ली): म्यांमार के लिए स्वतंत्र जांच दल द्वारा आज तक एकत्र किए गए साक्ष्य और मंगलवार को जारी वार्षिक रिपोर्ट में उल्लिखित साक्ष्य के अनुसार, म्यांमार में मानवता के खिलाफ अपराध व्यवस्थित रूप से जारी हैं। जिसमें चल रहे संघर्ष महिलाओं और बच्चों को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहे हैं.

संयुक्त राष्ट्र ने एक प्रेस बयान में रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा की तीन साल पहले ऑपरेशन शुरू करने के बाद से दल ने लगभग 200 स्रोतों से 30 लाख से अधिक सूचना सामग्री एकत्र किए हैं। इसमें साक्षात्कार विवरण, दस्तावेज़ीकरण, वीडियो, तस्वीरें, भू-स्थानिक इमेजरी और सोशल मीडिया सामग्री शामिल हैं। उपलब्ध जानकारी इंगित करती है की सुरक्षा बलों और सशस्त्र समूहों के सदस्यों द्वारा बलात्कार और यौन हिंसा के अन्य रूपों और बच्चों के खिलाफ अपराधों सहित यौन और लिंग आधारित अपराध किए गए हैं.

रिपोर्ट के अनुसार, म्यांमार में बच्चों को प्रताड़ित, भर्ती और मनमाने ढंग से हिरासत में लिया जा रहा है। उनके माता-पिता को उनसे अलग रखा जा रहा है.

रिपोर्ट को सैन्य ऑपरेशन की मंजूरी के पांच साल पूरे होने के दो सप्ताह पहले जारी किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप लगभग दस लाख रोहिंग्या लोगों का विस्थापन हुआ है.

अधिकांश रोहिंग्या जिन्हें उस समय निर्वासित या जबरन विस्थापित किया गया था, वे अभी भी शरणार्थियों या आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों के शिविरों में रह रहे हैं.