भोपाल। भारत भूमि पर अवतिरत हुए महान संतों ने अपनी वाणी और विचारों से न सिर्फ धर्म और अध्यात्म का प्रचार-प्रसार किया बल्कि भारतीय समाज में व्याप्त अनेक कुरूतियो को समाप्त करने का प्रयास भी किया। इन महान संतो और कवियों की श्रेणी में भक्तिकाल में अवतरित हुए संत रविदास जी ने जाति, वर्ग और धर्म के बीच की दूरियों को मिटने और उन्हें कम करने का भरसक प्रयत्न किया।
इतिहासकारों के मत अनुसार संत शिरोमणि और महान कवि रविदास का जन्म वाराणसी के पास एक गाँव में सन 1398 में माघ पूर्णिमा के दिन हुआ था और देशभर में माघ पूर्णिमा को बहुत भक्ति भाव और धूम-धाम से संत रविदास जयंती मनाई जाती है।
संत रविदास जी ने अपने कुल और कार्य को उतनी ही निष्ठा और गौरव के चरित्रार्थ किया जितना कोई सच्चा भक्त अपने प्रभु की भक्ति करता है। रविदास जी ने अपने प्रभावकारी और तर्कपूर्ण विचारों की छाप समाज पर ऐसे छोड़ी कि वो रविदास से संत रविदास बन गए।
उनके उपदेशों ने धर्म की बाध्यता और आडंबरों से समाज को मुक्त किया। संत रविदास जी ने ऐसे समाज की कल्पना की जहां जात-पात, वर्ग–भेद न हो, सामाजिक समरसता हो, मन पवित्र हो, कर्म की प्रधानता हो, मानवीयता हो, सभी के कल्याण की बात हो, सर्वोदय हो, समाज में सबका बराबर का स्थान हो, प्रभु की भक्ति में लगने वाला हर मन एक ही है। मन की पवित्रता और कर्म की प्रधानता इतनी थी कि उन्होंने कहा- मन चंगा तो कठौती में गंगा ।
Sant Ravidas Self Employment Scheme: संत रविदास जी किसी विशेष कुल या वर्ग के संत नहीं हैं बल्कि वह जन कवि और हर वर्ग के संत हैं। वह आज भी अपने विचारों, सिद्धांतों और उपदेशों से पूरे समाज का मार्गदर्शन कर रहे हैं। जैसे समाज की कल्पना उन्होंने की वैसे ही समाज की भावना हमारे संविधान की भी है।
रविदास जी के भक्ति गीतों एवं दोहों ने भारतीय समाज में समरसता एवं प्रेम भाव उत्पन्न करने का प्रयास किया है। समाज में धार्मिक सौहार्द एवं सहिष्णुता उत्पन्न करने के लिए रविदास जी ने अथक प्रयास किये थे। संत रविदास जी से जनसमुदाय की भावनाएं जुड़ी हैं, इसलिए मध्यमप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में राज्य सरकार ने संत रविदास जयंती पर पूरे प्रदेश में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन हुआ।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भोपाल में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में वर्चुअली उपस्थित रहे। इसके साथ ही प्रदेश भर में जिला, विकासखण्ड और 22 हजार 710 ग्राम पंचायतों में गरिमापूर्ण और भव्य कार्यक्रम आयोजित हुए। कार्यक्रम में संत रविदास जी के दर्शन-पूजन और माल्यार्पण के साथ ही उनके भजनों को गायन भी किया गया। इन कार्यक्रमों में संतों को सम्मानित किया गया और अनुसूचित जाति के प्रशिक्षणार्थियों को कौशल विकास के लिए स्वीकृति-पत्र भी सौंपे गये।
Sant Ravidas Self Employment Scheme: संत रविदास जी की जयंती पर भोपाल में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान वर्चुअली उपस्थित रहे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने संत रविदास जी को नमन करते हुए कहा कि मैं उस कुल को प्रणाम करता हूं जिस कुल में संत रविदास जी का जन्म हुआ था।
उन्होंने कहा कि संत रविदास जी ने समाज में सभी के कल्याण की भावना भाई और उसी दिशा में हमारी सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में सबका साथ सबका विकास के लिए कार्य कर रही है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा करते हुए कहा कि भोपाल में बन रहे ग्लोबल स्किल पार्क का नाम संत रविदास जी के नाम पर रखा जायेगा।
Sant Ravidas Self Employment Scheme: मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि मध्यप्रदेश सरकार के प्रयास करेगी कोई भी भूखा न रहे इसके लिए दीनदयाल रसोई का विस्तारीकरण किया जायेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने संत रविदास स्वरोजगार योजना की घोषणा भी की। योजना के अंतर्गत 25 लाख तक का लोन उपलब्ध कराया जायेगा जिसका 5 प्रतिशत ब्याज सरकार भरेगी।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति विशेष परियोजना प्रारंभ कर रही है जिसमें अनुसूचित जाति के युवाओं को स्वरोजगार, कौशल उन्नयन,नवाचार के लिए 2 करोड़ तक का अनुदान दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि डॉ भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना भी हम प्रारंभ करेंगे जिसमें कम लागत के उपकरण और पूंजी की आवश्यकता होने पर सरकार एक लाख तक का लोन सरकार उपलब्ध करायेगी।
प्रदेश के सभी अनुसूचित जाति बहुल जिलों में जहां ज्यादा आवश्यकता होगी ऐसे स्थानों पर संत रविदास सामुदायिक भवनों का निर्माण कराया जायेगा,जिससे सार्वजनकि कार्यक्रम व्यवस्थित हो सकें। समाज के कमजोर वर्ग के लोगों के सशक्तिकरण केलि लाखए मध्यप्रदेश सरकार अलग-अलग योजनाओं के माध्यम से कार्य करेगी। संत रविदास जी के मंदिरों का आवश्यकता अनुसार जीर्णोद्धार किया जायेगा। सामाजिक संस्थाओं को स्कूल खोलने के लिए भूमि और आर्थिक सहायता दी जायेगी।
मध्यप्रदेश में विकास की मुख्य धारा से सभी वर्गों को जोड़ने और सभी जन-कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उन तक पहुंचाने के लिए राज्य सरकार दृढ़ संकल्पित है। राज्य में अनुसूचित जातियों की समृद्धि और उनके जीवन की खुशहाली के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सरकारी खजाने खोल दिए हैं।
प्रदेश में अनुसूचित जातियों की जनसंख्या के मान से प्रदेश के कुल बजट में 16 प्रतिशत का प्रावधान रखा गया है। राज्य सरकार ने विभिन्न योजनाओं के माध्यम से इन वर्गों के आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक विकास के लिये कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
राज्य सरकार ने अनुसूचित जाति वर्ग के विद्यार्थियों की शिक्षा-दीक्षा के लिये कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है। विदेश में पढ़ाई की बात से लेकर देश में अध्ययन के लिए छात्रवृत्ति, छात्रावास और मैस के बेहतरीन इंतजाम तक के लिए मध्यप्रदेश सरकार खुले हाथ से पैसा खर्च कर रही है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा के अनुरूप अनुसूचित जाति कल्याण विभाग योजनाओं का सफल क्रियान्वयन करने में पूरी तत्परता दिखा रहा है। प्रदेश के अनूसूचित जाति वर्ग के 4 लाख 48 हजार विद्यार्थियों को 480 करोड़ रूपये की पोस्ट-मेट्रिक छात्रवृत्ति दी गई है। इसी तरह 16 लाख 37 हजार विद्यार्थियों को 154 करोड़ रूपये की राज्य छात्रवृत्ति का वितरण किया गया है।
इसके अलावा 80 हजार विद्यार्थियों को 115 करोड़ रूपये की आवास सहायता भी राज्य सरकार ने उपलब्ध कराई है। यही नहीं 50 विद्यार्थियों के लिये विदेश अध्ययन की सुविधा के लिये 1 विद्यार्थी को हर साल 50 हजार यूएस डॉलर की छात्रवृत्ति की पात्रता है। इतना ही नहीं छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की पूर्व तैयारी के लिये 7 प्रशिक्षण केन्द्रों का संचालन भी किया जा रहा है।
अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों की अच्छी और बेहतर शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए जहां राज्य सरकार ने छात्रवृत्ति के प्रावधान किये हैं वहीं युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए व्यवसायिक प्रशिक्षण के लिये 32 करोड़ 41 लाख रूपये का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा राज्य सरकार ने प्रदेश के अनुसूचित जाति बहुल ग्रामों के विकास के लिये 30 करोड़ रूपये का प्रावधान किया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी देश के हर वर्ग के कल्याण के निरंतर कार्य कर रहे हैं। केन्द्र सरकार ने अनुसूचित जाति बहुल गांवों के समग्र विकास के उद्देश्य से प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना लॉन्च की थी। इस योजना के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश देश के सभी राज्यों में अग्रणी है। आदर्श ग्रामों में हितग्राहियों को अन्य विभागों की योजनाओं का लाभ दिलाने में भी प्रदेश अग्रणी है। लाभान्वित 5 लाख 29 हजार हितग्राहियों में 2 लाख 93 हजार से ज्यादा हितग्राही मध्यप्रदेश के हैं।
मध्यप्रदेश सरकार ने अनुसूचित जाति के महापुरूषों की स्मृति में पुरस्कार स्थापित किये हैं, जिनमें संत रविदास स्मृति पुरस्कार, संत रविदास कर्मठ पुरस्कार और संत रविदास सामाजिक समरसता पुरस्कार, महर्षि वाल्मीकि स्मृति पुरस्कार, डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर स्मृति सम्मान पुरस्कार, संत कबीर पुरस्कार और विष्णु कुमार अनुसूचित जाति सेवा सम्मान पुरस्कार प्रमुख हैं।
Also Read: Governor Mangubhai Patel Will Inaugurate the 48th Khajuraho Dance Festival
Also Read: The Brand “Jaivik Parivar” Created by The Hard Work of 500 Farmers is Getting a Different Identity
Also Read : 500 किसानों की मेहनत से बने “Jaivik Parivar” ब्रांड को मिल रही अलग पहचान
Contents:Как определить разворот тренда на ФорексТест стратегии форекс «Лимитка»: +95,14% по GBP/USD за 12 месПример…
Navratri 2022 9th Day Maa Siddhidatri Puja Vidhi Vrat Katha Mantra Aarti in Hindi: नवरात्र…
Contents:Selling your item to BuyBackWorld is as easy as…GoPro swings to a surprise profit but…
Contents:India DictionaryProject Finance & Structuring SBUTop Reasons to Start Investing at an Early AgeManaging money…
Sonia Gandhi Meet Opposition parties : कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी शुक्रवार को वीडियो…
Bollywood Actress Troll : 2018 में फिल्म लवयात्री से बॉलीवुड में एंट्री करने वाली एक्ट्रेस…