Science News: ब्रह्मांड में मिला एक अद्भुत तारा, जानिए कैसे हुआ इसका जन्म?

India News(इंडिया न्यूज़), Science News:  अभी धरती के बाहर के ब्रह्मांड को मनुष्य ने जानना शुरु ही किया है। इंसान को अभी अंतरिक्ष की जानकारी के अलावा ब्रह्मांड के रहस्यों के बारे में जानना है। इस बात में कोई भी दोराय नहीं है कि इंनसान लगातार विज्ञान और अंतरिक्ष के क्षेत्र में काफी तेजी से विकास कर रहा है और जल्दी नई दुनिया की खोज करने में कामियाब हो जाएगा।

  • स्पेस में मिला एक खास तारा
  • करोड़ों सालों में दिखता है ये तारा
  • जानें क्यों खास है ये तारा

आज हम आपको स्पेस के बारे में खास जानकारी देने जा रहे है। दरअसल स्पेट साइंस ने एक नए तारे के बारे में पता लगाया है । ये अनोखा तारा इतनी जल्दी दिखाई नहीं देता है। ये इतना खास तारा है कि ये करोड़ों सालों में एक या दो बार ही दिखाई देता है। इसके अलावा इस तारे के बनने की प्रक्रिया भी बेहद खास है।

जानें कौन सा है ये तारा

वैज्ञानिकों ने इस तारे का नाम J1912-4410 रखा है। ये एक खास तरह का पल्सर तारा है। जो काफी मुश्किल से हि नजर आता है। मालूम हो कि इस तारे का निर्माण जिस प्रक्रिया से होता है, वो प्रक्रिया ब्रह्मांड में बेहद ही कम होती है। दरअसल. पाल्सर तारे अत्यधिक चुम्बकीय और बहुत तेज घूर्णन करने वाले न्यूट्रॉन तारे हैं। इसका निर्माण तभी होता है, जब कोई तारा घूर्णन करता हुआ अपने आकार और वजन की वजह के कंप्रेस हो जाए। वहीं जैसे ही ये तारा कंप्रेस होता है तो तुरंत की उसमें एक सपरनोवा विस्फोट होता है और फिर पल्सर तारे का जन्म होता है। बता दें कि ये तारा हमारी गैलेक्सी से 773 प्रकाश वर्ष दूर है।

पल्सर तारे क्यों होते हैं दूसरों से खास

अब आपके मन में ये ख्याल आ रहा होगा कि आखिर पल्सर तारे इतने खास क्यों होते हैं। दरअसल, ये तारे न्यूट्रॉन स्टार कहते हैं, जो एक तरह से डेड स्टार बन होते हैं। लेकिन ये इसलिए खास होते हैं कि ये अपने केंद्र में लगातार घूमते रहते हैं, जिसकी वजह से इनके आसपास एक बहुत ही पावरफुल मैग्नेटिक फील्ड क्रेएट हो जाती है। वहीं कंप्रेस और सपरनोवा विस्फोट के बाद फिर से नए तारे के रुप में इनका जन्म होता है।

इससे पहले मात्र 14 साल उम्र का मिला था पल्सर तारा

मालूम हो कि इस तारे से पहले साल 2022 में एक और पल्सर तारे की खोज हुई थी। इस तारे की उम्र महज 14 साल थी। तारे का नाम VT1137-0337 था, जो कि इसी की तरह न्यूट्रॉन तारा था। सबसे पहले इस तारे को एक ऑब्जेक्ट के रूप में साल 2018 में न्यू मैक्सिको के वेरी लार्ज एरे स्काई सर्वे के जरिए देखा गया था।

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Mudit Goswami

मुदित गोस्वामी, प्रयागराज से ताल्लुक रखते हैं. Delhi university से पत्रकारिता की डिग्री प्राप्त कर Paigam.Network जैसी संगठन के साथ बतौर रिसर्चर और कॉन्टेक्ट राइटर काम कर चुके हैं. पत्रकारिता जगत में 3 से अधिक सालों के अनुभव के साथ इंडिया न्यूज़ में पॉलिटिक्स और धर्म से जुड़ी खबरें/स्टोरी लिखना पसंद करते हैं.

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