इंडिया न्यूज, अहमदाबाद:
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के गुजरात मंत्रिमंडल विस्तार में पेंच फंसता नजर आ रहा है। मीडिया में चल रही सूचनाओं के अनुसार पटेल मंत्रिमंडल में एक-दो महिलाओं समेत नए चेहरों को शामिल करने और पूर्व के विजय रूपाणी मंत्रिमंडल के अधिकतर मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाने की सूचना पर कलह शुरू हो गई है। गुजरात में नए मंत्रिमंडल के सदस्यों को आगामी 17 सितंबर से पहले शपथ दिलाना जरूरी है। वह इसलिए कि पार्टी आलाकमान ने 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर पटेल मंत्रिमंडल में शामिल मंत्रियों को उनका कार्यभार देने की तिथि तय कर रखा है।
इसके पहले मीडिया में चर्चा इस बात की हो रही थी कि गुजरात में बुधवार को भूपेंद्र पटेल मंत्रिमंडल के नए सदस्यों को 2 बजे के बाद शपथ दिलाई जा सकती है। लेकिन, बाद में यह खबर भी आई कि मंत्रिमंडल में नए चेहरों और महिलाओं को शामिल किए जाने को लेकर कोई फैसला नहीं किया जा सका है, इस वजह से इनके शपथ ग्रहण को फिलहाल टाल दिया गया है।
बुधवार को शपथ दिलाने के बाद नए मंत्रियों को आगामी 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के मौके पर मंत्रालय वितरित किया जा सकता है।
गुजरात में 2022 के दौरान होने वाले विधानसभा चुनाव में जातीय समीकरण को दुरुस्त करने के लिए भाजपा आलाकमान ने मुख्यमंत्री समेत पूरे मंत्रिमंडल में फेरबदल करने का फैसला किया है। राज्य के पाटीदार समुदाय को भाजपा के पक्ष में करने के लिए भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री के पद पर बैठाने के बाद अब पार्टी नए मंत्रिमंडल में उन नए चेहरों और महिला विधायकों को शामिल करना चाहती है, जो विधानसभा चुनाव में सोशल इंजीनियरिंग के बूते बेड़ा पार लगा सके। भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में गठित होने वाले नए मंत्रिमंडल में एक या दो महिलाओं को मौका दिया जा सकता है। वहीं, विजय रूपाणी के मंत्रिमंडल के करीब 8 से 10 विधायकों को सरकार से हटाकर संगठन में भेजा जा सकता है।