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Security Of Former Ministers And MLAs Will Be Back: पूर्व मंत्रियों और विधायकों से सुरक्षा वापस लिए जाने को लेकर किया गया रिव्यू

India News Editor • LAST UPDATED : March 12, 2022, 8:45 pm IST

Security Of Former Ministers And MLAs Will Be Back

इंडिया न्यूज़, चंडीगढ़:
Security Of Former Ministers And MLAs Will Be Back: पंजाब में सरकार बदलने के साथ ही अब अब पूर्व मंत्रियों (Former Ministers) और विधायकों (MLAs) को वीआईपी बनने का चस्का खत्म करना पड़ेगा। क्योंकि अब इन पूर्व मंत्रियों और विधायकों में से जयादात्तर चुनाव हार चुके है और वह विधायक भी नहीं रहे है। ऐसे में पुलिस विभाग (Police Department) ने इन पूर्व मंत्रियों और विधायकों की सिक्योरिटी को लेकर रिव्यू करना शुरू कर दिया है। जिसके बाद इनकी सुरक्षा में लगे पुलिस विभाग के स्टाफ को वापस बुला कर नए मंत्रियों और विधायकों को दिया जाएगा।

ताकि उनकी सुरक्षा को यकीनी बनाया जा सकें। विभाग की ओर से इसको लेकर रिव्यू किया गया। जिसके बाद सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को इसके बारे में बता दिया गया है और आदेश जारी करने की भी तैयारी चल रही है। कांग्रेंस सरकार में जो मंत्री थे लेकिन अब विधायक बन गए है उनकी सुरक्षा में एक विधायक को दिए जाने वाले सुरक्षा गार्ड की दिए जाएंगे।

मंत्रियों और विधायकों की सुरक्षा वापस लेने की है तैयारी

उनमें पूर्व मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखबिंदर सिंह सरकारिया, मनप्रीत सिंह बादल, राज कुमार वेरका, भारत भूषण आशु, ब्रह्म मोहिंदरा, संगत सिंह गिलजियां, रणदीप सिंह नाभा, अजायब सिंह भट्टी, राणा केपी सिंह, रजिया सुल्ताना, गुरप्रीत सिंह कांगड़, परगट सिंह, अमरिंदर सिंह राजा वडिंग, अरुणा चौधरी, राणा गुरजीत सिंह,अहम रुप से शामिल हैं। पहले इनकों बतौर मंत्री सुरक्षा गार्ड मुहैया कराए गए थे। इनके अलावा कई विधायकों के नाम भी शामिल है। इनमें से विधायक बनने वाले विधायकों को एक विधायक को दी जाने वाली सुरक्षा के मुताबिक ही सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी।

अदालती आदेशों से मिली सुरक्षा को नहीं लिया जाएगा वापस

कुल 122 पूर्व मंत्रियों और विधायकों की सुरक्षा वापस लेने को लेकर मंथन हुआ है। इन मंत्रियों और विधायकों की सुरक्षा वापस लेने के तुरंत बाद संबंधित यूनिट को सूचित किए जाने बारे कहा गया है। वहीं कहा गया है कि अदालती आदेशों पर जिन मंत्रियों और विधायकों को सुरक्षा मिली थी वह वापस न लें। वहीं अगर किसी पूर्व मंत्री या विधायक को सुरक्षा की खतरा की जानकारी है तो इसकी सुरक्षा वापस लेने से पहले एडीजीपी (सुरक्षा) से क्लीयरेंस ली जाए।

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