India News (इंडिया न्यूज़), Bihar ANM Bharti : बिहार में 10 हजार से अधिक एएनएम की बहाली का रास्ता साफ हो गया है। पटना हाईकोर्ट ने सोमवार को राज्य सरकार की अपील खारिज करते हुए एएनएम को अंकों के आधार पर बहाल करने के एकल पीठ के फैसले को पलटने से इनकार कर दिया। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति हरीश कुमार की खंडपीठ ने 18 अप्रैल को इस मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
इससे पहले न्यायमूर्ति मोहित कुमार शाह की एकल पीठ ने अंकों के आधार पर एएनएम की बहाली का आदेश दिया था। आदेश में पीठ ने बिहार तकनीकी सेवा आयोग के 19 सितंबर 2023 के नोटिस को रद्द कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि एएनएम की बहाली बिहार महिला एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ता (एएनएम) संवर्ग नियमावली 2018 के नियम 7 के तहत की जाएगी।
क्या है पूरा मामला
एएनएम की बहाली के लिए हाईकोर्ट के पूर्व के आदेश के आलोक में सरकार ने एएनएम के 10709 पदों पर बहाली के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया था। जिसके आधार पर एएनएम नियमावली 2018 के आधार पर चयन प्रक्रिया शुरू की गई थी। लेकिन सरकार ने बीच में नियमावली में संशोधन कर लिखित परीक्षा के आधार पर बहाली के लिए अधिसूचना जारी कर दी। जिसके बाद इस संशोधन को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई।
क्या था पुराना नियम?
याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट को बताया कि सरकार ने एएनएम के पदों पर बहाली के लिए अंक तय किए थे। इसके तहत एएनएम कोर्स की परीक्षा के लिए 60 अंक, उच्च कोर्स के लिए 15 अंक और राज्य के सरकारी अस्पताल में काम करने के एवज में प्रत्येक वर्ष के लिए पांच अंक (अधिकतम 25 अंक) तय किए गए थे। लेकिन सरकार ने अचानक इसमें बदलाव कर दिया। क्या बदलाव किए गए? प्रतियोगिता परीक्षा के लिए 60 अंक, उच्च कोर्स के लिए 15 अंक और सरकारी अस्पताल में काम करने के एवज में प्रत्येक वर्ष के लिए 15 अंक तय किए गए। परीक्षा आयोजित करने की जिम्मेदारी बिहार तकनीकी सेवा आयोग को दी गई। नई नियमावली एक जून 2023 से लागू कर दी गई।